महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद पुलिस अधिकारियों के तबादले को लेकर सरकार और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल के बीच जारी विवाद अंततः पटाक्षेप हो गया। बुधवार को केंद्र सरकार ने जायसवाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक पद पर नियुक्त कर दिया है। इस पर गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा। ट्वीट के माध्यम से फड़नवीस ने कहा कि महानिदेशक सुबोध जायसवाल की नियुक्ति सीआईएसएफ के महानिदेशक पद नहीं की जाती अगर राज्य सरकार पुलिस अधिकारियों के तबादले में भेदभाव और अनुचित हस्तक्षेप नहीं करती।
फड़नवीस ने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने के कारण जायसवाल को महाराष्ट्र छोड़ना पड़ा। फड़नवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री की देखरेख में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन पुलिस अधिकारियों के तबादले में लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है, इसलिए सरकार के रवैये से तंग आकर उन्होंने सीआईएसएफ के महानिदेशक पद की प्रतिनियुक्ति स्वीकार कर ली है। सुबोध कुमार जायसवाल के जाने के बाद राज्य में पुलिस महानिदेशक पद के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की लामबंदी शुरू हो गई है। भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के कार्यकाल के दौरान केंद्र में तैनात 1985 बैच के पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को राज्य में लाकर मुंबई पुलिस आयुक्त, उसके कुछ साल बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में पुलिस स्थानांतरण और राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर महानिदेशक जायसवाल और राज्य सरकार के बीच, विशेषकर गृह विभाग के बीच दरार पैदा हो गई थी।