कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों का प्रदर्शन रविवार को 32वें भी जारी है। दिल्ली-हरियाणा और यूपी के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आवाजाही में दिक्कत आ रही है। उधर, केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच एक बार फिर बातचीत का रास्ता प्रशस्त हुआ है। कृषि मंत्रलय के संयुक्त सचिव की ओर से भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव पर शनिवार को किसान संगठनों ने हामी भरी है। किसान नेताओं ने 29 दिसंबर को 11 बजे बैठक का प्रस्ताव भेजते हुए बातचीत के लिए चार प्रमुख मांगें रखी हैं और इसका प्रारूप भी सरकार को भेजा है।
30 को किसानों का ट्रैक्टर मार्च
किसान नेता डा. दर्शनपाल सिंह ने कहा कि 27 व 28 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादों की शहादत दिवस मनाए जाएंगे। 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर लेकर मार्च करेंगे। इसमें सिंघु बार्डर से टीकरी और शाहजहांपुर तक किसान मार्च करेंगे। किसानों ने एक जनवरी को नया साल दिल्ली व हरियाणा निवासियों को उनके साथ मनाने का न्योता दिया है। शिवकुमार कक्का ने कहा, पीएम ने गलत भाषण दिया। जो पोस्टरों पर फोटो लगा रहे हैं, वह कीटनाशक कंपनियों के कर्मचारी हैं।
- नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित चिल्ला बार्डर पर पिछले 27 दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को धरना स्थल पर ताली-थाली बजाकर नए कृषि कानूनों के प्रति अपना विरोध जताया। किसानों का कहना है वह पिछले कई दिन से धरने पर बैठे है लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनसुनी कर रही है। किसानों ने कोरोना काल में ताली थाली बजाकर सरकार का समर्थन किया था। लेकिन अब ताली थाली बजाकर विरोध जताया है।
- यूपी गेट पर दिल्ली से गाज़ियाबाद जाने वाली लेन को भी किसानों ने बंद किया। यूपी गेट पर ताली और थाली बजाकर विरोध करते किसान।
- प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे फसल उगाने के लिए बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान का उपयोग कर रहे हैं। एक किसान का कहना है, "चूंकि हम विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महीने से बेकार बैठे हैं, हमने प्याज उगाने के बारे में सोचा, क्योंकि हम इसे अपने दैनिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हम बुराड़ी के मैदान में फसल उगाएंगे।"
- गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए 29 दिसंबर का प्रस्ताव दिया है।
- दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान सीमा में शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का शनिवार को छह घंटे यूपी गेट पर पूरी तरह से कब्जा रहा। इस दौरान वाहन चालक यूपी गेट होकर दिल्ली से आवाजाही नहीं कर सके। उन्हें काफी परेशानी हुई। उन्होंने किसानों को जमकर कोसा। वहीं, जाम में कई एंबुलेंस फंसी रहीं। यूपी गेट पर 28 नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों का राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की दिल्ली जाने वाली सभी लेनों पर कब्जा है। वाहन चालक यहां से दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं। शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कब्जा जमाए किसानों ने अचानक केंद्र सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबारजी शुरू की।
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर शनिवार सुबह प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सभी लेन को बंद कर दिया। वहीं, किसानों का दूसरा समूह एनएच 9 सर्विस रोड स्थित यूपी गेट पर आकर बैठ गया। दोनों रास्ते एक साथ बंद होने से गाजीपुर के आसपास के इलाकों में यातायात करीब छह घंटे बाधित रहा। क्षेत्र की आंतरिक गलियों में भी लोगों को जाम की मार झेलनी पड़ी। हालांकि, शाम को किसान दोनों ही रास्तों से हट गए, जिसके बाद यातायात सामान्य हो सका। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर किसानों ने शनिवार को 11 बजे सभी लेन बंद कर प्रदर्शन किया। एक्सप्रेस वे पर प्रदर्शन को देखते हुए यूपी गेट पर नीचे बैठे किसानों ने दिल्ली से उत्तर प्रदेश सीमा में आने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया।
- इस पर यातायात पुलिस ने गाजीपुर सब्जी मंडी व मुर्गा मंडी की ओर रूट डायवर्ट कर दिया। रूट डायवर्ट के चलते आनंद विहार, गाजीपुर, मयूर विहार फेज तीन सहित अन्य प्रमुख मार्गो पर यातायात बाधित रहा। सुबह से लेकर शाम तक वाहन चालक जाम से जूझते रहे। किसानों के प्रदर्शन के दौरान करीब छह घंटे वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ा। हालांकि, पांच बजे किसान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे व यूपी गेट से हट गए और वाहनों का परिचालन फिर से शुरू हो गया।
प्रकाशित तारीख
: 2020-12-27 17:25:00