चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भविष्य में होने वाली जंग को भारत स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा और दुश्मनों को हराएगा। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत को सुपरपावर (महाशक्ति) बनाने में डीआरडीओ वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन यानी डीआरडीओ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस रावत ने कहा, हम देख रहे हैं कि रक्षा क्षेत्र को लेकर हमारा निजी उद्योग भी प्रेरित है, उन्हें समर्थन की जरूरत है। मुझे लगता है कि भविष्य में होने वाले युद्ध को हम स्वदेशी हथियारों के माध्यम से जीतेंगे।
सीडीएस बिपिन रावत ने कहा, वर्तमान समय में हमारा देश उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश जिस रफ्तार से आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। ये बेहद जरूरी है कि डीआरडीओ पूरी लगन के साथ काम करता रहे।
रक्षा मंत्री ने ‘अस्त्र एमके-1 बीवीआर’ और ‘समुद्री स्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ सौंपी
डीआरडीओ के इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हवा से हवा में मार करने वाले ‘अस्त्र एमके-1 बीवीआर’ के एक मॉडल को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को सौंपा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम भारत को महाशक्ति बनाना चाहते हैं और आप (वैज्ञानिक) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
बता दें कि अस्त्र स्वदेशी रूप से विकसित पहली बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे सुखोई-30, एलसीए और मिग-29 से लॉन्च किया जा सकता है। वहीं, राजनाथ ने डीआरडीओ द्वारा तैयार भारतीय ‘समुद्री स्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ नौसेना प्रमुख और सीमा निगरानी प्रणाली (बॉस) सेना प्रमुख को सौंपी।