किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए तोमर ने कहा है किछ किसान संगठनों में कृषि सुधारों को लेकर भ्रम पैदा कर दिया गया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्र की शुरुआत में लिखा कि ऐतिहाकि कृषि सुधारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से मैं लगातार आपके संपर्कमें हूं। बीते दिनों मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है, वे इससे बहुत खुश हैं। किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। लेकिन इन कृषि सुधारों का दूसरा पक्ष यह भी है किछ किसान संगठनों में इन्हें लेकर एक भ्रम पैदा कर दिया गया है। तोमर ने लिखा, ‘देश का कृषि मंत्रीहोने के नाते, मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं, हर किसान की चिंता दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखूं।’’
तोमर ने किसानों से आग्रह करते हुए लिखा है कि राजनीकि स्वार्थसे प्रेरित कुछ लोग झूठ को फैला रहे हैं। ‘जिन लोगों की राजनीकि जमीन खिसक चुकी है, वे लोग पूरी तरह से यह काल्पकि झूठ फैला रहे हैं किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। जब किसान और व्यापारी के बीच एग्रीमेंट सिर्फ उपजका होगा तो जमीन कैसे चली जाएगी।’’
केंद्रीय कृषि मंत्रीनरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को जो चिट्ठी लिखी है, वह आठ पन्नोंकी है। इसमें किसान संगठनों से हाल में आए कृषि कानूनों पर बात की गई है। तोमर ने चिट्ठीमें आगे लिखा है, ‘’मैं किसान परिवार से आता हूं। खेती की बारीकियां और खेती की चुनौतियों, दोनों को ही देखते हुए, समझते हुए बड़ा हुआ हूं।
फसल कटने के बाद उसे बेचने के लिए हफ्तों का इंतजार भी मैंने देखा है।’’ कृषि मंत्रीने कहा है किभ्रम को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने लिखा, ‘’दशकों तक हमारे देश में सिर्फ घोषणा करके वोट बटोरने की राजनीति हुई है।