कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 20वां दिन है। इस प्रदर्शन का असर तीन राज्यों की इकोनॉमी पर पड़नी शुरू हो गई है। एसोसिएटेड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंडइंडस्ट्री ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि किसानों के प्रदर्शन से हर दिन 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इससे पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की इकोनॉमी पर को नुकसान हो रहा है। इन राज्यों की अर्थव्यवस्था इंटरकनेक्टेड है। किसानों के आंदोलन से ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर असर पड़ा है और सप्लाई चेन टूट गई है। इससे देश भर में फल और सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं।
यह ऐसे समय में हुआ है जब देश में लॉकडाउन खुलना शुरू हो रहा है। इसका खामियाजा किसानों, कस्टमर्स और इंडस्ट्रीज को चुकाना पड़रहा है। चेम्बर के सेक्रेटरी जनरल ने सरकार से जल्दइस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। वहीं, किसान यूनियन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है।
प्रदर्शन में देश विरोधी लोगों की तस्वीरें दिखीं गडकरी
इस बीच, सरकार ने किसानों से बात चीत के लिए तैयार होने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रदर्शन का गलत इस्तेमाल कर किसानों को बहका रहे हैं। नक्सल प्रभावित गढ़ चिरौली जिले के एक व्यक्ति की फोटो इस आंदोलन में नजर आई। यह व्यक्ति फिलहाल जेल में बंद है। उसका किसानों से सीधे या परोक्ष तौर पर कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली में देश विरोधी भाषण देने वालों की तस्वीरें भी प्रदर्शन में देखी गई। ऐसे लोगों की फोटो वहां कैसे पहुंची, मैं समझ नहीं पा रहा हूं। कुछ लोग जरूर हैं जो किसानों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं।