कोविड-19 वैक्सीन की राहतक रही दुनिया को आखिरकार इस महीने खुशखबरी मिल ही गई। फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका जैसी दिग्गज फार्मा कंपनियों की वैक्सीन अब रेगुलेटरी अप्रूवल के प्रोसेस में है। हर देश वैक्सीन पाना चाहता है मगर सप्लाई तो लिमिटेड है। दुनिया भर की सरकारों ने सीधे कंपनियों से डील कीहै। ऐसे में आम जनता तक वैक्सीन पहुंचने में वक्त लगेगा, क्योंक हर जगह पहले उन लोगों का टीका लगाने की तैयारी है, जिन्हें कोविडसे खतरा ज्यादा है। बहुत से ऐसे लोग भी होंगे जो रुकना नहीं चाहते और वैक्सीन उपलब्धहोते ही लगवाना चाहते हैं। इंटरपोल ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि ऑर्गनाइज्ड क्रिमिनल नेट वर्क्स कोविड वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी कर सकते हैं। यहमहज आशंका भर नहीं है, इंटरनेट पर ठगीका खेल शुरू भीहो चुका है।
इंटरपोल ने अलर्ट में क्या कहा था?
इंटरपोल के मुताबिक, ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट फर्जी वैक्सीन बेचने की कोशिश कर रहे हैं। ग्लोबल पुलिस नेटवर्क के मुताबिक, ये अपराधी वैक्सीन की सप्लाई चेन में सेंध या उसे प्रभावित करने की योजना बना रहे हैं। फर्जी वेबसाइट्स और झूठे इलाज के नाम पर भी ठगीके आसार जताए गए थे। इंटरनेट पर वैक्सीन से जुड़े फर्जीवाड़े पिछले कुछ महीनों में तेजीसे बढ़े हैं। रिसर्च फर्म ‘चेकपॉइंट’ के अनुसार, डार्कनेट/ डार्कवेब पर कोरोना वैक्सीन की सेल जोरदार ढंग से चल रही है।