मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विदर्भ के समग्र विकास का विकास इंजन बनने वाला महत्वाकांक्षी हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग देश का सर्वोत्तम महामार्ग साबित होगा। विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम और बुलडाणा जिले के लिए सही अर्थों में समृद्धि लाने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण में नागपुर से शिर्डी तक के महामार्ग का काम आगामी एख मई तक पूरा हो जाएगा और प्रत्यक्ष यातायात के लिए खुल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को विदर्भ में समृद्धि महामार्ग की लगभग 347 किलोमीटर लंबी सड़क के काम का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अमरावती जिले के शिवनी-रसूलापुर में छह किलोमीटर लंबे महामार्ग का भी निरीक्षण किया और काम के स्तर तथा गुणवत्ता के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सड़क पर यात्रा करके, हो रहे काम पर संतोष व्यक्त किया और सड़क के काम को बेहतरीन बताया।
इस अवसर पर नगर विकास व सार्वजनिक निर्माण कार्य (सार्वजनिक उद्यम) मंत्री एकनाथ शिंदे, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर, वन मंत्री संजय राठौड उपस्थित थे। नागपुर-मुंबई एक्सप्रेस वे विदर्भ के चार जिलों से होकर गुजरेगा और इस महामार्ग के लिए 8 हजार 364 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इस महामार्ग का निर्माण सोलह चरणों में पूरा किया जा रहा है और लगभग 60 प्रतिशत से अधिक सड़क का काम पूरा हो चुका है। महामार्ग के निर्माण कार्य के साथ ही जल संरक्षण कार्यों को भी प्राथमिकता दी गई है। अमरावती जिले में 38 नालों को 91 हजार 210 मीटर लंबाई तक गहरा कर दिया गया है। परिणामस्वरूप महामार्ग के साथ-साथ जल समृद्धि भी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग को पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी इस महामार्ग का काम शुरू था, इसलिए इसके काम में कोई देरी नहीं हुई। यह महामार्ग देश का सर्वोत्तम महामार्ग साबित होगा। नागपुर से शिर्डी तक
का काम 1 मई तक और उसके बाद मुंबई तक का काम अगले एक साल में पूरा किया जाएगा। यह महामार्ग राज्य के समग्र विकास के लिए एक आदर्श साबित होगा, क्योंकि यह कृषि और सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सर्वोत्तम परिवहन सुविधाएं भी प्रदान करेगा।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के अनुसार नागपुर से मुंबई एक्सप्रेस वे अमरावती जिले में 73.33 किलोमीटर लंबा होगा। यह तीन तहसीलों यानी धामनगाव रेलवे, चांदूर रेलवे और नंदगांव खंडेश्वर तहसीलों के 46 गांवों से होकर गुजरेगा। काम का तीसरा चरण 2 हजार 850 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। इस महामार्ग पर दो इंटरचेंज प्रस्तावित हैं।