रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि संकट से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) बैंक के पुनरूद्धार के लिए संभावित निवेशकों की ओर से मिली प्रतिक्रिया अब तक 'सकारात्मक' रही है।
धोखाधड़ी का शिकार हुए इस बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंक ने पिछले महीने पुनरुद्धार के लिए संभावित निवेशकों से उसमें निवेश और इक्विटी भागीदारी के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किए हैं। इसके लिए सूचना ज्ञापन जारी करने की समय सीमा 20 नवंबर और बोली पूर्व स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए 30 नवंबर की तिथि तय की गई थी। आरबीआई की द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने के बाद गवर्नर दास ने संवाददाताओं से कहा कि अब तक जो प्रतिक्रिया दिखी है, वह सकारात्मक रही है। बैंक और उसका प्रबंधन पूरी तरह से निवेशकों के साथ काम में लगा हुआ है। जिन निवेशकों ने सूचना ज्ञापन लिया है प्रबंधन उनके साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।
दास ने कहा कि संभावित निवेशकों द्वारा रुचि पत्र सौंपने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है, देखते हैं क्या प्रतिक्रिया रहती है, उसके बाद ही हम इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख ले सकते हैं। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2019 को पीएमसी बैंक के निदेशक मंडल को हटाकर उसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। इसके साथ ही बैंक पर कई तरह के नियामकीय प्रतिबंध भी लगा दिए गए थे। बैंक में वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया। रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए कर्ज के बारे में भ्रामक जानकारी और तथ्यों को छिपाया गया। केंद्रीय बैंक ने इस साल सितंबर में एके दीक्षित को बैंक का नया प्रशासक नियुक्त किया है। दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए कहा कि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने और हमारे एजेंडा में जमाकर्ताओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने के चलते हम दो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में स्थिति को तुरंत संभाल सके हैं। वर्ष 2020 में निजी क्षेत्र के दो बैंकों यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को बचाया गया है।