देश के सबसे बड़े नगर निगम में से एक ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 4८ सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि सलासीन केसीआर की पार्टी टीआरएस को 5५ और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 43 सीटों पर जीत मिली। हालांकि, इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। 150 वार्डों वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में बहुमत का आंकड़ा 75 है।
बीजेपी की जीत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा - तेलंगाना की जनता ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया। तेलंगाना की जनता का आभार।
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे भाजपा के स्टार प्रचारकों ने निगम के चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार किया था। दोनों ही नेताओं ने हैदराबाद में रोड शो किया था और असदुद्दीन ओवैसी पर जमकर निशाना साधा था।
भाजपा बाजीगर बनकर उभरी
नगर निगम के चुनाव में बीजेपी बाजीगर बनकर उभरी है। इस शानदार जीत के बाद सवाल उठता है कि क्या दक्षिण के दुर्ग का दूसरा दरवाजा बीजेपी के लिए जल्द ही खुलनेवाला है। क्या कर्नाटक के बाद भाजपा दक्षिण के दूसरे राज्यों में भी सत्ता के शिखर पर पहुंचने में कामयाब हो जाएगी। चुनाव तो वैसे नगर निगम का था लेकिन रोमांच किसी लोकसभा-विधानसभा चुनाव से कम नहीं। भाजपा ने ताकत झोंकी तो नतीजे भी गवाही देने लगे। दक्षिण के दुर्ग में दूसरा दरवाजा खोलने की भाजपा की रणनीति काम कर गई।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम का सियासी रसूख ही कुछ ऐसा है कि इस दुर्ग में जगह बनाना भाजपा के लिए जरूरी था। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं। पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकसभा सीटें आती हैं।
यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर भाजपा, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक ने दिन रात एक कर दिया, लेकिन पिछली बार हाशिये पर खड़ी भाजपा ने इस बार कमाल कर दिया। भाजपा के शानदार परफॉर्मेंस का असर ये होगा कि दक्षिण में कर्नाटक के बाद तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में पैर पसारने में भाजपा को राहत रहेगी जहां भाजपा अबतक कामयाबी के लिए बरसों से जी-तोड़ मेहनत कर रही है।
केसीआर का किला ध्वस्त
जश्न भले ही टीआरएस खेमे में है लेकिन झटका भी उसे ही लगा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर की पार्टी वैसे तो सबसे बड़ा प्लेयर बनकर उभरी है लेकिन चुनाव ओवैसी बनाम भाजपा हो गया। भाजपा ने इस चुनाव के जरिए दक्षिण के सियासी समंदर की गहराई नापी। वहां की फिजां में लोगों का मूड भांपा। दक्षिण भारत में लोकतांत्रिक विस्तार का तापमान जाना।
भाजपा ने ओवैसी के गढ़ में न केवल प्रवेश किया, बल्कि उनके अंगने में अपनी जादूगरी भी दिखाई। ओवैसी भले ही कह रहे हैं कि उनके घर में भाजपा नहीं जीती है लेकिन सच यह है उन्हें जोर का झटका धीरे से लगा है। भाजपा की इस दमदार जीत से नेताओं के हौसले बुलंद है और कार्यकर्ता हैदराबाद की सड़कों पर झूम रहे हैं। ग्रेटर हैदराबाद चुनाव के प्रभारी रहे भूपेंद्र यादव ने पार्टी की इस चमत्कारी जीत को टीआरएस के विकल्प के तौर पर बताया है।