दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर गच्चा खा गई। सियासत के नौसिखिए खिलाड़ी से चुनावी अखाड़े में चित हो गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली के सिरमौर बन गए। केजरीवाल को सत्ता से बेदखल करने के लिए इस बार भाजपा ने पूरी मशीनरी लगा दी थी।
250 सांसद, 90 केंद्रीय मंत्री, 11 राज्यों के मुख्यमंत्री, 600 चुनावी सभाएं, संघ और संगठन के वरिष्ठ नेताओं को उतारने के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह मैदान में उतरे, पर फिर भी केजरीवाल और उनकी पार्टी से मुकाबला नहीं कर पाए। दिल्ली में भाजपा की लगातार छठी बार हार हुई है। केजरीवाल से पहले कांग्रेस ने हैट्रिक ली थी। शीला दीक्षित लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। वैसा, ही कारनामा अब आम आदमी पार्टी ने कर दिखाया है। उन्होंने ने भी हैट्रिक मार दी है।
भाजपा फिर ताकती रह गई। गौरतलब है, मौजूदा चुनाव में अमित शाह ने इस बार कई प्रयोग किए थे।