देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। वहीं दूसरी ओर अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है 'भारत में अब हमारे पास ऐसे टीके हैं, जिनका परीक्षण अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में हमें भारतीय नियामक अधिकारियों से टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल जाएगी।
एम्स के निदेशक ने इसके साथ ही लोगों से कोविड-19 के मद्देनजर उचित व्यवहार करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि टीके की आपात मंजूरी से जनता के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए कोल्ड चेन बनाने, उपयुक्त स्टोर वेयरहाउस उपलब्ध कराने, रणनीति विकसित करने, टीकाकरण और सीरिंज की उपलब्धता के संदर्भ में केंद्र और राज्य स्तर पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
एम्स निदेशक ने कहा, 'यहां अच्छा डाटा उपलब्ध है कि टीके बहुत सुरक्षित हैं। टीके की सुरक्षा और प्रभावकारिता से बिल्कुल भी समझौता नहीं किया गया है। 70 से 80 हजार स्वयंसेवकों को टीका लगाया गया है। उनमें कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया। डाटा से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है।'
नकली टीका बेचने की फिराक में माफिया
इंटरपोल ने विश्व की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आगाह किया है कि संगठित अपराध के गिरोह, कोविड-19 के नकली टीके का प्रचार कर सकते हैं और उन्हें सीधे आमने-सामने या इंटरनेट के माध्यम से बेच सकते हैं।
इंटरपोल ने बुधवार को सभी 194 सदस्य देशों को जारी किए गए ऑरेंज नोटिस में चेतावनी दी है कि कोविड-19 और फ्लू के नकली टीकों का उत्पादन, चोरी और अवैध प्रचार किया जा सकता है। इंटपोल की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, इसमें नकली टीके के प्रचार, बिक्री और ऐसे टीके लगाने संबंधी अपराध भी शामिल हैं।
सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर खतरे वाले व्यक्ति, वस्तु या आयोजन की चेतावनी देने के लिए इंटरपोल ऑरेंज नोटिस जारी करता है।
भारत में सीबीआई, इंटरपोल के साथ समन्वय कर काम करती है। यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब ब्रिटेन, पश्चिमी देशों में पहला देश बन गया है जिसने कोविड-19 के एक टीके को मंजूरी दी है। इंटरपोल ने पुलिस संगठनों से आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित करने को कहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय संगठन ने नकली उत्पाद बेचने वालीं अवैध वेबसाइट की पहचान करने को भी कहा है।