नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह वृद्धि के रास्ते पर होगी। कुमार ने कहा कि केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों का मकसद किसानों की आमदनी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी तथा उन तक सही जानकारी नहीं पहुंचना है। इन चीजों को दूर करने की जरूरत है।
किसानों की इनकम बढ़ाने पर जोर
कृषि कानूनों के विरोध में मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन पर कुमार ने कहा कि यह तथ्य देखने की जरूरत है कि पूरे देश में इन नए कृषि कानूनों को अच्छे तरीके से लिया गया है। उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून स्पष्ट रूप से किसानों की आमदनी क्षमता बढ़ाने के बारे में है। इनसे किसानों को यह आजादी भी मिलेगी कि वे अपनी उपज कहां और किसे बेचना चाहते है।
सही जानकारी नहीं पहुंच रही
उन्होंने कहा कि मौजूदा आंदोलन की वजह किसानों तक सही जानकारी नहीं पहुंचना और कुछ गलतफहमियां हैं, इन्हें दूर किए जाने की जरूरत है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत मंगलवार को बेनतीजा रही है। अब दोनों पक्षों के बीच आज फिर बैठक होगी।
इकॉनमी में आ रहा है सुधार
कुमार ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी की वजह से आई गिरावट से उबर रही है। 'मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों का वह स्तर हासिल कर लेंगे, जो एक साल पहले था।' उन्होंने कहा, 'और चौथी तिमाही में जीडीपी दर सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी और पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले में इसमें मामूली वृद्धि हासिल कर ली जायेगी।'