विधानपरिषद की स्नातक निर्वाचन सीट के लिए मतदान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि इस चुनाव में कई स्नातक मतदान के अधिकार से दूर हैं। उन्होंने कहा है कि जल्दबाजी में चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के कारण कई स्नातकों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। मतदान के लिए आवेदन करना स्नातक की जवाबदारी है, उनका नाम मतदाता सूची में शामिल करना राज्य चुनाव आयोग की जवाबदारी है। लिहाजा आयोग इन चुनाव में व्यवस्था सुधारें।
भाजपा की जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक चुनाव परीक्षा होता है, उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस परीक्षा में पास होंगे। मतदाताओं को हुई परेशानी का जिक्र करते हुए फड़नवीस ने कहा कि मेरे घर से मेरा ही नाम मतदाता सूची में है। परिवार के तीन सदस्यों के नाम सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। ऐसे ही कई घर हैं जहां स्नातक सदस्यों की संख्या चार है, उनमें से दो सदस्यों के नाम ही मतदाता सूची में शामिल हुए।
एक सवाल पर फड़नवीस ने कहा कि सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। वह सेक्युलर नहीं शुडो सेक्युलर अर्थात छद्म धर्मनिरपेक्ष है। भाजपा ने कभी भी मुस्लिम समाज को वोट बैंक नहीं माना। शिवसेना के लिए यह समाज केवल वोट बैंक है। बाल ठाकरे ने जो शिवसेना तैयार की थी वह अब नहीं रही है।