सरकार की ओर से वार्ता प्रस्ताव के बाद भी 6 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन थमता नहीं दिख रहा है. एक तरफ पंजाब के खेल जगत के नामी सितारे किसानों के समर्थन में आ गए हैं तो दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा से और किसान दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं. किसानों द्वारा जाम की गई दिल्ली की सड़कों पर किसानों की तादाद बढ़ने वाली है, जिससे दिल्ली के लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाएंगी.
बेनतीजा रही बैठक
वहीं, मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही. दोपहर 3 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब 7 बजे खत्म हुई. सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. सरकार के साथ बातचीत का हिस्सा रहे किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान. उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए फिर आएंगे. अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी.
किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया गया. सरकार किसानों को MSP पर समझाने की कोशिश की. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं. और उन्होंने मांग की कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए
जुटाया जा रहा राशन, दवाइयां
वहीं पंजाब और हरियाणा की पंचायतों की अपील पर सैकड़ों किसान लोगों से राशन, दवाइयां और जरूरत के अन्य सामान इकट्ठा कर रहे हैं. इन सामानों को ट्रैक्टरों पर लादा जा रहा है जो बुधवार से दिल्ली के लिए रवाना होने शुरू होंगे.
गौरतलब है कि पंचायतों ने अपील की है कि किसानों के हर एक परिवार से कम से कम एक सदस्य दिल्ली भेजा जाए ताकि प्रदर्शनकारी किसानों का हौसला बढ़ाया जा सके.
उधर दिल्ली की सीमा पर जैसे-जैसे फोर्स बढ़ रही है किसान संगठन अलर्ट हो गए हैं. प्रदर्शन को तेज करने के लिए किसान अब और ज्यादा प्रदर्शनकारियों को जुटाने की कोशिश में हैं.
अब बहुत देर हो गईः CM गहलोत
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के मुद्दे हल करने के मामले में कहा कि केंद्र ने देरी कर दी है.उन्होंने कहा कि किसानों को बातचीत के लिए बुलाना सही दिशा में उठाया गया कदम है लेकिन काफी देर हो गई है. मुख्यमंत्री यह भी कहा कि किसानों के आंदोलन को सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि बाहर भी चिंता बढ़ रही है.
गहलोत ने कहा, 'बातचीत के लिए किसान यूनियनों को केंद्र का निमंत्रण सही दिशा में एक कदम है, लेकिन बहुत देर हो चुकी है. किसानों के विरोध को लेकर देश में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी चिंता बढ़ रही है, जहां भारतीय मूल के व्यक्तियों की एक बड़ी आबादी रहती है. पीएम मोदी जी को इस गतिरोध को दूर करने का बीड़ा उठाना चाहिए. किसानों की वास्तविक मांगों को पूरा किया जाना चाहिए.
किसानों के समर्थन में स्पोर्ट्स स्टार
पंजाब के कई नामी खिलाड़ियों ने किसानों के समर्थन में बिगुल फूंक दिया है. जालंधर के दर्जन भर सम्मानित और सीनियर खिलाड़ियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 5 दिनों के भीतर कृषि कानून रद्द नहीं किए गए तो वह विरोध स्वरूप अपने मेडल और सम्मान वापस कर देंगे.
पंजाबी फिल्म जगत के कई सितारे जिनमें कलाकार, लेखक, गायक और संगीतकार शामिल हैं, पहले ही किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं.
हरियाणा के आढ़तियों ने भी किया प्रदर्शन
मंगलवार को हरियाणा के आढ़तियों ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की. गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र की ओर से लाए गए कृषि कानून में आढ़तियों की भूमिका को खत्म कर दिया गया है. पंजाब के किसान और राजनेता इन आढ़तियों के समर्थन में भी आवाज उठा रहे हैं.
किसानों का मानना है कि केंद्र सरकार ने बिचौलियों का अस्तित्व मिटाने की कोशिश की है जिससे किसान बुरी तरह से प्रभावित होंगे क्योंकि उनके व्यवसाय की आर्थिक तरलता (लिक्विडिटी) इन आढ़तियों या बिचौलियों पर निर्भर करती है.
गौरतलब है कि किसान फसल कटने तक अपना खर्चा चलाने के लिए आढ़तियों से कर्ज लेते हैं जो आसानी से मिल जाता है. बिचौलियों की तुलना में सरकारी बैंक कर्ज देने में आनाकानी करते हैं.
मंगलवार से हड़ताल पर गए हरियाणा के आढ़तियों का मानना है कि अगर केंद्र के 3 नए कानून अस्तित्व में आते हैं तो न केवल बिचौलिए बल्कि उनके साथ करने काम करने वाले सैकड़ों मुनीम और दूसरे लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे.
हरियाणा आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष दुनीचंद का मानना है कि किसानों का प्रदर्शन सिर्फ किसानों के भविष्य से ही नहीं बल्कि मंडियों में काम करने वाले दूसरे लोगों से भी जुड़ा है.
सरकार ने किसानों को जागरूक नहीं किया: रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव ने कृषि कानूनों को लेकर जागरूकता के अभाव पर केंद्र सरकार की खिंचाई की. रामदेव ने मंगलवार को चंडीगढ़ में कहा कि वे खुद एक किसान हैं और केंद्र के तीनों कृषि कानून किसानों के भविष्य के साथ जुड़े हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने कानून बनाने से पहले किसानों को इन कानूनों के बारे में जागरूक नहीं किया, जिसका खामियाजा अब सरकार प्रदर्शन के रूप में भुगत रही है. रामदेव ने कहा कि कृषि कानूनों के बारे में जागरूकता पैदा ना करके केंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ी चूक कर दी है.