कोरोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से इलाज से वंचित कुष्ठ रोगियों के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच अभियान शुरू करने का निर्णय किया है। एक से 31 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की जांच करेंगे। सोमवार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर एक बैठक आयोजित की गई। जिसके बाद मंत्री टोपे ने बताया कि कोरोना काल के दौरान पिछले कई महीने से पूरे राज्य में कुष्ठ रोगियों का इलाज नहीं हो पाया है, जिनके इलाज और जांच के लिए सरकार ने एक दिसंबर से राज्य के सभी जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों में संयुक्त सक्रिय कुष्ठ रोग रोग अनुसंधान अभियान शुरू किया गया है।
इस अभियान के तहत पूरे राज्य में मनपा, नपा और विभाग के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की खोज कर उनकी जांच के अलावा इलाज करेंगे। यह अभियान एक माह तक चलाया जाएगा। इसके तहत राज्य की लगभग 8 करोड़ 66 लाख 25 हजार 230 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में 6 करोड़ 82 लाख 23 हजार 39 जनसंख्या रहती है, जबकि शहर की जनसंख्या एक करोड़ 84 लाख है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने राज्य के सभी पालक मंत्रियों, महापौर, जिला परिषद अध्यक्ष, सरपंच से आव्हान किया है कि वे इस अभियान को अपनी जिम्मेदारी के साथ क्षेत्र में सफल बनाएं। टोपे ने कहा कि कुष्ठरोग के शीघ्र निदान के लिए विभिन्न उपाय सुझाए जा रहे हैं। पैथोलॉजिकल अध्ययन के अनुसार यदि रोगी निदान और दवा दोनों से वंचित है, तो रोगी को इन बीमारियों से उत्पन्न जटिलताओं का सामना करना पड़ता है।
साथ ही रोगियों के साथ रहने वाले अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमण का खतरा बना रहता है। यह सिलसिला बरकरार रहता है, इसलिए ऐसे रोगियों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कर उन्हें खोजने, निदान करने और इलाज करने के लिए पता लगाया जायेगा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने तैयारियों की समीक्षा प्रस्तुत की। इस अभियान के लिए जिला अधिकारी और नगर आयुक्त की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति को नियुक्त किया गया है, और समूह विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तालुका समन्वय समिति की नियुक्ति की गई है।