साल 2020 का आखिरी चंद्रगहण आज लगेगा । यह एक पेनुब्रल ग्रहण होगा, इसमें सूर्य से चंद्रमा पर सीधी जाने वाली रोशनी के कुछ हिस्से को पृथ्वी की बाहरी परछाई रोकती है। गौरतलब है कि इस दौरान 82 फीसदी हिस्से पर पृथ्वी की छाया सूर्य की रोशनी रोकेगी, इसके कारण चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जाएगी ।
चंद्रगहण के बारे में यह महत्वपूर्ण बातें-
दुनिया के कई हिस्सों में नवंबर में लगने वाले चंद्रगहण को 'बीवर चंद्रगहण' कहा जाता है। वहीं, कुछ देशों में इसे 'फ्रोस्टी मून' और 'ओक मून' भी कहते हैं ।
हालांकि अपने शिड्यूल के कारण यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन आप अन्य देशों में लगने वाले चंद्रग्रहण की झलक ऑनलाइन देख सकेंगे ।
-बता दें कि चंद्रगहण तीन तरह के पूर्ण, आशिंक और पेनुब्रल होते हैं । पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है और सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा पर जाने से रोकती है। आंशिक चंद्रग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाती है। इस कारण पृथ्वी पूर्ण रूप से चंद्रमा को ढक नहीं पाती है।
पेनुब्रल चंद्रग्रहण में हमेशा आंशिक चंद्रग्रहण से शुरू होता है। इसमें पृथ्वी की बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है और इसे देखना इसलिए मुश्किल होता है। भारतीय समय के अनुसार, साल का आखिरी चंद्रग्रहण दोपहर 1.04 बजे से शुरू होकर शाम 5.22 बजे तक रहेगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है इसलिए इसे देश के कई हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा। वहीं, चंद्रोदय के समय यह देश के उत्तरी, मध्य और पूर्वी राज्यों में आंशिक रूप से देखा जा सकता है।