उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले विभिन्न कारोबार से जुड़े समूह ने संकट में फंसी आवास वित्त कंपनी डीएचएफएल के लिए 33,000 करोड़ रुपए की बोली लगाकर अमेरिकी की ओकट्री को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं का कहना है कि समूह ने कथित रूप से समयसीमा का पालन नहीं किया, अत: वह बोली से हटे।
ये कंपनी हुई बोली में शामिल
अडाणी समूह ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि उसने पूरी प्रक्रिया अपनाई और अन्य बोलीदाता साठगांठ कर अधिकतम मूल्य वाली बोली को रोकना चाहते हैं। डीएचएफएल को कर्ज देने वाले संस्थानों और उद्योग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चार इकाइयों अडाणी समूह, पीरामल समूह, अमेरिकी संपत्ति प्रबंधन कंपनी ओकट्री कैपिटल मैनेजमेंट तथा हांगकांग की एससी लोवी ने अक्टूबर में डीएचएफएल के लिए बोलियां लगाई थी। हालांकि बकाया कर्ज की वसूली के लिए डीएचएफएल की नीलामी कर रहे कर्जदाता चाहते थे कि संभावित खरीदार अपनी बोलियों को संशोधित करें क्योंकि मूल पेशकश काफी कम थी।