भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर मई महीने से जारी गतिरोध के बीच बड़ी खबर है। सूत्रों की मानें तो पूर्वी लद्दाख पर दोनों देशों के बीच तनाव जल्द ही खत्म हो सकता है। दोनों देशों की सेनाओं ने यथास्थिति बरकरार रखने के लिए तीन चरणों में पीछे हटने की योजना पर सहमति दी है। इसके बाद दोनों ओर की सेनाएं अप्रैल-मई वाली अपनी पुरानी स्थिति में वापस अपनी-अपनी जगहों पर लौट जाएंगी। सूत्र के मुताबिक, मई 2021 तक यथास्थिति बहाल हो जाएगी और चीन सीमा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात अपने 400 टैंकों को वापस ले लेगा।
बता दें कि दोनों देशों के बीच पिछले हफ्ते 6 नवंबर को चुशुल में 8वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी। इसी बैठक में तीन चरणों में पीछे हटने की योजना पर चर्चा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि योजना को पैंगोंग झील इलाके में हुई बातचीत से एक हफ्ते में पूरा किया जाएगा। इस योजना को तीन चरणों में बांटा गया है।
पहले चरण में टैंक और तोप हटाएंगे दोनों देश
योजना के पहले चरण में दोनों देशों की आर्म्ड वीकल यानी टैंक, तोपों और हथियारों से लैस सैन्य वाहनों को सीमा पर तैनाती से वास्तविक नियंत्रण रेखा से एक महत्वपूर्ण दूरी पर वापस ले जाया जाएगा।
दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के अनुसार, टैंक और सैन्य वाहन एक दिन के अंदर-अंदर वापस अपने स्थानों को भेजे जाएंगे। दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को बैठक हुई थी जिसमें विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और सैन्य संचालन महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था।
दूसरे चरण में पैंगोंग के उत्तरी छोर से वापस जाएंगी सेनाएं
योजना के दूसरे चरण के तहत, पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों ओर की सेनाएं वापस अपने स्थानों पर लौटेंगी। इसमें तीन दिनों तक रोजाना अपनी-अपनी सैन्य टुकड़ियों को 30 फीसदी तक हटाएंगी। इस चरण में भारतीय सेना धान सिंह थापा के प्रशासनिक पोस्ट के नजदीक वापस आ जाएगी जबकि चीनी सेना फिंगर 8 से पीछे अपनी पोजिशन पर वापस लौटने को राजी हुई है।
तीसरे चरण में पैंगोंग के दक्षिणी किनारे से पीछे हटेंगी सेनाएं
योजना के तीसरे और अंतिम चरण के अनुसार, दोनों ओर की सेनाएं चुशुल और रेजांग ला क्षेत्र के आसपास के इलाकों समेत पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी किनारे से अपनी वर्तमान स्थिति से वापस लौट जाएंगी। इस इलाके में भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले इलाकों में कब्जा किया है, जबकि चीन ने भी अपनी पोजिशन यहां मजबूत बना ली थी।
सेना ने अभी नहीं की अधिकारिक पुष्टि
बता दें दोनों देशों के बीच 15 जून की मध्य रात्रि में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। डिस्इंगेजमेंट प्लान पर सहमति की अभी भारतीय सेना की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस योजना के तहत दोनों देशों के बीच बात बन गई है।