अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में 90 प्रतिशत तक कारगर है। लाखों लोगों की जिंदगी छीन लेने वाले वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। हालांकि, वैक्सीन बन जाने से ही मुश्किलें खत्म नहीं होने वाली हैं। अगली चुनौतियां हैं भंडारण, वितरण और टीकाकरण। फाइजर के वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान में स्टोर करना होगा, जोकि भारत सहित दूसरे देशों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। एम्स के डायरेक्टर ने भी यह बात कही है। दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को इसके लिए तैयारी करनी चाहिए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन के फेज 3 के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं, लेकिन इसे -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करना भारत और दूसरे देशों के लिए चुनौती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। गुलेरिया ने कहा, ''फाइजर के वैक्सीन के साथ चुनौती यह है कि इसे -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना होता है।''
एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि लो और मिडिल इनकम वाले देशों के लिए कोल्ड चेन मेंटेन करना बड़ी चुनौती है, क्यो कि वै क्सीन को काफी कम तापमान पर रखना होगा, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में यह बड़ा कठिन है। गुलेरिया ने कहा, ''इस वैक्सीन में काफी क्षमता है, लेकिन हमें आ रहे अन्य वैक्सीन को भी देखना होगा। फेज-3 में पहुंच चुके सभी वैक्सीन के लिए उत्साहजनक खबरे हैं।''
हालांकि, गुलेरिया ने यह भी कहा कि फाइजर की ओर से किए गए दावों की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की आवश्यकता है, लेकिन यह घोषणा अन्य वैक्सीन के लिए भी अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा, ''जो डेटा फाइजर ने जारी किया है, वे काफी उत्साहजनक हैं।