महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने कहा कि सिनेमा और नाटक समाज का आईना है। ऐसा माना जाता है कि समाज में जो घटित होता है, उसका प्रतिबंब हमें सिनेमा में दिखाई देता है। महाराष्ट्र में अलग-अलग विषयों पर बन रही फिल्मों को गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए आने वाले समय में महाराष्ट्र में किफायती सिनेमाघर बनाने की दिशा में सरकार की तरफ से प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री महाराष्ट्र सिनेमा रंगभूमि और सांस्कृतिक विकास महामंडल की ओर से 5 से 7 नवंबर के बीच पॅनोरमा इन्वीशनिंग फिल्म मीडिया एंड एंटरटेनमेंट पॉलिसी फॉर महाराष्ट्र विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाईन चर्चा सत्र के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके सांस्कृतिक कार्य मंत्री अमित देशमुख, राज्यमंत्री राजेंद्र पाटिल यड्रावकर समेत मुख्य सचिव संजय कुमार आदि उपस्थित थे।
सिनेमा देखकर भूल जाते हैं दुख
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि मनोरंजन एकमात्र ऐसा माध्यम है, जहां हम अपने दुख कुछ क्षणों के लिए ही सही भूल जाते हैं। मनोरंजन क्षेत्र मनोरंजन के साथ-साथ समाज के प्रबोधन का काम भी करता है। इस क्षेत्र के कारण अच्छा समाज निर्माण होने में मदद होती है, इसलिए महाराष्ट्र में रहने वाले हरेक व्यक्ति को इस क्षेत्र का आनंद मिल सके, इसके लिए किफायती सिनेमाघरों का निर्माण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किया जाएगा। ठाकरे ने कहा कि आज हिंदी और अन्य भाषाओं के साथ- साथ मराठी भाषा में भी उत्तम फिल्मों का निर्माण हो रहा है, लेकिन कई बार एक दिन अनेक फिल्मों के रिलीज होने के कारण मराठी सिनेमा के लिए सिनेमाघरों में शो नहीं मिलते, जिससे मराठी फिल्मों का नुकसान होता है, इसलिए मराठी फिल्मों के लिए शो आरक्षित रखने के संदर्भ में भी राज्य सरकार आग्रही है।
फिल्मी सिटी में सुधार पर जोर
उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों में इस क्षेत्र में कई कलाकार तैयार हुए। इस क्षेत्र के कारण अनके लोगों को रोजगार मिला, इसलिए आने वाले समय में महाराष्ट्र में सभी प्रकार के शूटिंग के लिए अच्छी जगह विकसित करना, नई तकनीकों लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। मुंबई में दादासाहेब फालके चित्रनगरी में आगामी समय में सुधार करने पर जोर दिया जाएगा।