भारत ने बुधवार को पिनाका मल्टी बेरेल रॉकेट लॉन्चर के एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण किया। उड़ीसा के चांदीपुर की टेस्ट रेंज से रॉकेट दागकर इसका परीक्षण हुआ। लॉन्चर से कुल 6 रॉकेट दागे गए। जो सटीक निशाने पर पहुंचे। पिनाका को डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट आर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ने बनाया है। हाल ही इसका वर्जन अपग्रेड किया गया है।
पिनाका रॉकेट के विस्तारित-रेंज संस्करण की सीमा 75 किमी से अधिक है। नए विस्तारित-रेंज रॉकेट दुश्मन के ठिकानों को सटीकता के साथ मारने में सक्षम है। मौजूदा पिनाका एमके-आई रॉकेट को रिप्लेस कर देगा।
ये है खासियत
कहा जा रहा है कि पिनाका रॉकेट के विस्तारित-रेंज संस्करण की सीमा 75 किमी से अधिक है। एक पिनाका एमबीआरएल प्रणाली में टाट्रा वाहन पर 12 रॉकेट ट्यूब लगाए गए हैं। रॉकेट को इन ट्यूबों से चार सेकंड से कम समय में लॉन्च किया जा सकता है। छह पिनाका लॉन्चर महज 44 सेकंड में 72 रॉकेट दागकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूत कर सकते हैं।
इन रॉकेटों को दुश्मन के इलाके में अपने लक्ष्य के लिए निर्देशित किया जा सकता है। इससे भारत की सटीक गतिरोध रॉकेट हमलों की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। DRDO के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा विकसित पिनाका दो निजी कंपनियों - लार्सन एंड टब्रो डिफेंस और टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन द्वारा बनाया गया है।
पूर्व में पिनाका में गाइड करने की तकनीक नहीं थी, उसे अब अपग्रेड कर गाइडिंग प्रणाली से लैस कर दिया गया है। हैदराबाद रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने नौवहन, दिशानिर्देशन एवं नियंत्रण किट भी विकसित की थी।
इसे आरसीआई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत विकसित किया गया है। वहीं, डीआरडीओ के सूत्र के अनुसार इस रॉकेट में बड़ा बदलाव किया गया है जिससे पिनाका की मारक क्षमता और सटीकता बढ़ गयी है।