जिन्दगी जीने का नाम है हसते और हसाते रहो- त्रिपाठी
विनीत त्रिपाठी एंकर/ कामेडियन अपने लक्ष्य के प्रति हमेशा सजग रहने वाले मृदुभाषी और एक कर्मशील शहर के जाने माने हस्ताक्षर है।इनका कहना है वह खुली आंखों से सपना देखते है जिन्हे पूरा करने का भी जुनून रहता है। अपने गमों के प्रति बेपरवाह दूसरों को हंसाने वाले कॉमेडियन व सफल एंकर विनीत त्रिपाठी से हुई एक मुलाकात में हमारी कानपुर संवाददाता ने कुछ खास बातचीत की वह इस प्रकार है।
कानपुर निवासी व्यक्तित्व के धनी विनय त्रिपाठी एक मल्टीनेशनल कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल में प्रोग्राम लीडर के रूप में काम करते हैं । शहर ही नहीं प्रदेश के अनेक कार्यक्रमों में एक सफल एंकर की भूमिका निभाते।
विनय त्रिपाठी से जब पूछा गया की एक एंकर और कॉमेडियन बनने की प्रेरणा आपको कहां से मिली तो उन्होंने बताया कि बचपन में राजेश खन्ना की एक बहुचर्चित फिल्म" आनंद" से वह बहुत प्रेरित हुए थे। इस फिल्म में राजेश खन्ना ने एक बीमार व्यक्ति की भूमिका अदा की थी । सुपरस्टार राजेश खन्ना ने इस फिल्म के जरिए लोगों को हंसाते हुए जीने का सलीका सिखाया इसी से प्रेरित है और उन्होंने अपना रोल मॉडल मान लिया।
उन्होंने कहा कि लोगों को रुलाना बहुत आसान है, लेकिन उनको हंसाना एक बहुत मुश्किल काम काम है । मुझे लगा कि ऐसा कुछ करना है,लोगों को हंसना देखना है। जिससे उनका जीवन आसान हो जाए और मैंने लोगों की हंसाने की जिद ठान ली। आज मैं जो हूं आप सभी लोगों के सामने हैं मैं अपना गम भूल कर दूसरों को हंसाने का काम कर रहा हूं।
श्री त्रिपाठी जी ने कहा बुढ़ापा शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है और मेरा संदेश भी यही है सभी हंसते हंसाते रहें और एक अच्छे जीवन के रूप में जीवन जीएं।