एक महीने बाद यानी एक दिसंबर से राजधानी में बीड़ी-सिगरेट को खुला बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद पान-गुटखा की दुकानों पर कोई ग्राहक एक-दो सिगरेट नहीं खरीद सकेगा। इसका उद्देश्य युवाओं और स्कूली छात्रों तक सिगरेट जैसे उत्पादों को न पहुंचने देने की कोशिश बताया जा रहा है।
राज्य तंबाकू नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर बीएस चरन ने बताया कि सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट, 2003 के सेक्शन 7 के नियमों के अनुसार तंबाकू उत्पादों को ग्राहक के हाथ में जाने वाले हर पैकेट पर इसके उपयोग से होने वाले नुकसान की जानकारी छपी होना अनिवार्य है।
पैकेट के 85 फीसदी भाग पर चित्रों में लिखी जानकारी के साथ शब्दों में भी इसके उपभोग से नुकसान की जानकारी होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं, पैकेट पर ऐसी हेल्पलाइन नंबर का छपा होना भी अनिवार्य है, जिससे अगर कोई व्यक्ति तंबाकू उत्पादों का उपभोग छोड़ना चाहे तो उस पर संपर्क कर सके।
डॉक्टर बीएस चरन के मुताबिक, एक-दो सिगरेट या बीड़ी के बेचने पर इन पर यह जानकारी अंकित करना संभव नहीं होता। यही कारण है कि खुदरा में एक-दो सिगरेट की खरीदी कर इसे पीने वालों तक तंबाकू उत्पादों के खतरे की जानकारी नहीं पहुंंच पाती। यही कारण है कि सरकार ने यह फैसला लिया है कि एक दिसंबर से खुले में बीड़ी-सिगरेट के बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। ये नियम गुटखा उत्पादों के लिए भी समान रूप से प्रभावी हैं।