देश के तिरंगे की आन-बान और शान की खातिर अपना जीवन बलिदान करने वाले भारतीय सेना के शहीदों के परिवारों की मदद के लिए इस बार केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मचारी आगे आएंगे।
इनमें 33 लाख सिविल कर्मियों के अलावा भारतीय सेनाओं के 14 लाख अधिकारी और जवान भी शामिल हैं। इन सभी से कहा गया है कि वे आगामी सात दिसंबर को झंडा दिवस पर दो सौ रुपये का योगदान दें। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के आग्रह पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग 'डीओपीटी' ने इस बारे में सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए यह आदेश निकाला है।
इसमें सभी कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे अपने तिरंगे और उसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए कम से कम दो सौ रुपये का दान दें। यह राशि सभी कर्मचारियों को दो दिसंबर से पहले जमा करानी होगी। हर साल सात दिसंबर को सशस्त्र बल झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकारी और गैर सरकारी विभागों के कर्मचारी अपनी निष्ठानुसार दान करते हैं। इनके अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ति या संगठन झंडा दिवस पर दान कर सकता है।
भारतीय सेनाएं, जो देश की सरहदों की रक्षा करती हैं, झंडा दिवस पर उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हुए मदद का हाथ बढ़ाया जाता है। इस दिन उन शहीदों को भी याद किया जाता है, जिन्होंने तिरंगे के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।