जम्मू-कश्मीर में आतंक का डॉक्टर कहा जाने वाला हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ कमांडर सैफुल्लाह वहीं पहुंच गया है जहां सुरक्षाबलों ने उसके पहले रियाज नायकू और बुरहान वानी को भेजा था। डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक चंद रोज पहले हुई भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे सैफुल्ला का ही हाथ था। भाजपा नेताओं की हत्या में शामिल आतंकी अब्बास हिजबुल से ही लश्कर में गया था।
सेना ने 72 घंटे के अंदर ही भाजपा नेताओं के हत्यारे का काम तमाम कर दिया। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि रियाज नायकू के मारे जाने के बाद हिज्बुल नेतृत्वविहीन हो गया था, एक बार फिर आतंकी तंजीम की यह हालत हो गई है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 200 आतंकवादी मारे जा चुके हैं । उन्होंने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''डॉक्टर सैफुल्लाह हिज्बुल मुजाहिद्दीन में नंबर वन कमांडर था, वह श्रीनगर एनकाउंटर में मारा गया है । यह बहुत सफल ऑपरेशन था। सैफुल्लाह अक्टूबर 2014 से एक्टिव था। वह लंबे समय तक बुरहान वानी का साथी था। सुरक्षाकर्मी दो दिनों से उसकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे।''26 साल के सैफुल्लाह मीर उर्फ गाजी हैदर को मई 2020 में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का नया चेहरा बन गया था।
सैफुल्ला मीर की नियुक्ति की घोषणा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मौजूद आतंकवादी समूह के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने की थी। रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद मीर को यह जिम्मेदारी दी गई थी। उसने पुलवामा में सरकार रूारा संचालित आईटीआई में बायो मेडिकल कोर्स किया और इसके बाद एक तकनीशियन के रूप में श्रीनगर के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में नौकरी पा ली। मीर ने तीन साल तक नौकरी की और फिर आतंक की राह पर चल पड़ा।
मीर रियाज नाइकू के नेटवर्क से पूरी तरह परिचित था और ऑर्चर्ड मालिकों से धन जुटाने और दक्षिण कश्मीर में अफीम की अवैध खेती से धन प्राप्त करने के लिए गतिविधियां करता था। हालांकि सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए यहां पर हिज्बुल के टॉप कमांडर सैफुल्लाह उर्फ गाजी हैदर को मार गिराया।