कोरोना काल में विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय सबसे बड़ा वर्चुअल मेगा इवेंट आयोजित करने जा रहा है। इसमें करीब 25 हजार वैज्ञानिक, शोधकर्ता तथा छात्र-छात्राएं ऑनलाइन हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान मेला (आईआईएसएफ) है, जिसका आयोजन 22-25 दिसंबर के बीच किया जाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के अनुसार, आईआईएसएफ के छठे संस्करण का आयोजन कोलकाता में नवंबर में होना था, लेकिन कोरोना के चलते वर्चुअल तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। सीएसआईआर को इसका जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि इस विज्ञान मेले में आमतौर पर 15-20 हजार प्रतिनिधि पंजीकरण कराते हैं। जबकि लाखों लोग इसे देखने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या 25 हजार से ज्यादा होने की संभावना है, क्योंकि ऑनलाइन होने की वजह से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल होने का मौका दिया जाएगा।
इसमें विदेश के प्रतिनिधियों, अन्य देशों के मंत्रियों के पहले के मेलों की तुलना में ज्यादा हिस्सा लेने की संभावना है। कुछ नोबेल विजेता भी मेले में ऑनलाइन शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह कोरोना काल का समय बड़ा ऑनलाइन कार्यक्रम साबित हो। क्योंकि उन्होंने इतने बड़े मेगा इवेंट का जिक्र नहीं सुना है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सांसदों के आदर्श गांव से पांच बच्चे हिस्सा लेते हैं, लेकिन इस बार हमने पांच बच्चों की सीमा हटा दी है। सांसदों से अनुरोध किया है कि वे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इस कार्यक्रम में ऑनलाइन शिरकत कराएं।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर इसका पूरा कार्यक्रम तैयार कर रहा है। एक एप भी तैयार किया जा रहा है, जिसके जरिये सीधे लोग जुड़ सकेंगे और अपने पसंदीदा सत्र में हस्सा ले सकेंगे। छठे भारत अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान मेले के थीम आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित रखी जाएगी। इस कार्यक्रम के आयोजन के जरिये भारत सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता का भी प्रदर्शन करेगा।
साइंस कांग्रेस नहीं होगी
प्रो. शर्मा ने बताया कि साइंस कांग्रेस एसोसिएशन ने सूचित किया है कि कोरोना के चलते 3-7 जनवरी के बीच हर साल होने वाली साइंस कांग्रेस का आयोजन इस बार नहीं होगा।