गुर्जर समाज एक नवंबर को गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार है। कर्नल किरोड़ी बैसला ने साफ कहा है कि अब बातचीत नहीं होगी। जिसके बाद अब राजस्थान की गहलोत सरकार एक्शन में आ गई है। मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार गुर्जर बहुल जिलों के कलेक्टर की मांग पर रासुका लगा सकती है।
सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
गुर्जर आंदोलन के मद्देनजर राजस्थान की गहलोत सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है। राज्य सरकार गुर्जर बहुल जिलों के कलेक्टर की मांग पर रासुका लगा सकती है। रासुका का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए किया जाता है। इसमें हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अधिकतम एक साल तक जेल में रखा जा सकता है। फिलहाल गृह विभाग को कलेक्टरों की मंजूरी का इंतजार है।
गुर्जर बहुलता वाले हैं ये जिले
राजस्थान में गुर्जर बहुल जिलों में करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और धौलपुर जिले शामिल हैं। झुंझुनूं के भीलवाड़ा, नीम का थाना, सीकर और झुंझुनूं का खेतड़ी भी गुर्जर समाज का गढ़ है। गुर्जर समाज की भी हाडौती संभाग में बड़ी संख्या है। गुरुवार को दौसा के आभानेरी में गुर्जर समाज के नेताओं की एक बैठक में संकेत मिले कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर पिलूपुरा में जाम किया जाएगा, जबकि दौसा में आगरा-बीकानेर में अन्य नेता सड़क पर उतरेंगे। सिकंदरा चौराहे पर हाईवे पर जाम लगा दिया।
इंटरनेट बंद करने का आदेश
जयपुर संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर जयपुर जिले की कोटपूतली पावटा शाहपुरा विराटनगर जमवारामगढ़ तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया। संभागीय आयुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इंटरनेट सेवाएं 30 अक्टूबर को शाम 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक बंद रहेंगी। गुर्जर बहुल क्षेत्रों में विशेष चौकसी बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। इससे पहले, संभागीय आयुक्त ने भरतपुर और करौली में इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश जारी किए थे।