गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का गुरुवार को निधन हो गया। केशुभाई पटेल की उम्र 92 साल थी। उन्होंने अहमदाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। गुरुवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के बाद केशुभाई पटेल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
केशुभाई पटेल ने 1995 और 1998 से 2001 तक गुजरात के सीएम के रूप में कार्य किया। छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे पटेल ने 2012 में भाजपा छोड़ दी और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' बनाई। उन्हें 2012 के राज्य विधानसभा चुनाव में विसावदर से जीत हासिल हुई, लेकिन बाद में बीमार होने के कारण 2014 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
Keshubhai Patel, Former Chief Minister of Gujarat, passes away at the age of 92. He was admitted at a hospital in Ahmedabad. (File pic) pic.twitter.com/RZu4cMmLDp
— ANI (@ANI) October 29, 2020
हाल ही में केशुभाई पटेल कोविड-19 की चपेट में आ गए थे। हालांकि, इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गए और घर लौटे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने केशुभाई पटेल के निधन पर दुख जताया है और परिवार के लोगों से बात की है।
केशुभाई पटेल के बेटे ने बताया कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी लगातार उनकी सेहत बिगड़ रही थी। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अहमदाबाद के सटर्लिंग अस्पताल के डॉक्टर अक्षय किलेदार ने कहा, कार्डियक अरेस्ट के बाद केशुभाई बेहोश गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें फिर से होश में लाने की कोशिश की गई, लेकिन वह होश में नहीं आए। सुबह 11:55 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनकी मृत्यु कोरोना के कारण नहीं हुई है।
गुजरात के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे केशुभाई पटेल
गुजरात के दिग्गज नेताओं की जब भी गिनती होती है, उसमें केशुभाई पटेल का नाम सबसे आगे होता है। उन्होंने जनसंघ के समय से ही पार्टी के लिए काम किया। वह राज्य में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में लंबे समय तक केशुभाई पटेल के साथ काम किया है। पीएम मोदी अक्सर ही उनसे आशीर्वाद लेने जाया करते थे।
जूनागढ़ में हुआ जन्म
केशुभाई पटेल का जन्म 1928 में जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में हुआ था। वे 1945 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में प्रचारक के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनसंघ के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में की, जिसके वे संस्थापक सदस्य थे।