ब्राजील में इस वॉलंटियर की मौत की सूचना देश के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने दी. एस्ट्राजेनेका ने घटना पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दी. ट्रायल में कंपनी का साथ दे रहे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि काफी सावधानी से आकलन करने के बाद वो इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मौत के बावजूद "क्लीनिकल ट्रायल की सुरक्षा के बारे में कोई चिंताएं उभर कर नहीं आई हैं."
विश्वविद्यालय ने परीक्षण जारी रखने की योजना की भी पुष्टि की. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि अगर उस वॉलंटियर को कोविड-19 वैक्सीन दी गई होती तब तो परीक्षण स्थगित कर दिया जाता. इसका मतलब है कि मृतक उस कंट्रोल ग्रुप का हिस्सा था जिसे मेनिन्जाइटिस का इंजेक्शन दिया गया था.
ब्राजील में साओ पाउलो फेडरल विश्वद्यालय इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के समन्वय में मदद कर रहा है. उसने भी कहा कि एक स्वतंत्र समीक्षा समिति ने भी कहा है कि ट्रायल चलते रहना चाहिए. विश्वविद्यालय ने मृतक के ब्राजील के नागरिक होने की पुष्टि की लेकिन उसके बारे में और कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी.
ब्राजील के साओ पाउलो की पेडिएट्रिक डॉक्टर मोनिका लेवि जो वैक्सीन के ट्रायल में शामिल होने वाले 5000 व्यक्तियों में से एक हैं.
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, "सब कुछ उम्मीद के अनुसार ही चल रहा है और हिस्सा लेने वाले किसी भी व्यक्ति के संबंध में वैक्सीन से जुड़ी कोई भी गंभीर समस्या अभी तक सामने नहीं आई है." 10,000 लोगों को इसमें शामिल करने की योजना थी, जिनमें से 8,000 को भर्ती कर लिया गया है. उन्हें ब्राजील के छह शहरों में पहली खुराक दे दी गई है. कइयों को तो दूसरी खुराक भी दे दी गई है.
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया कि मृतक 28 साल का पुरुष था, रियो दे जनेरो में रहता था और उसकी मृत्यु कोविड-19 से संबंधित परेशानियों की वजह से हुई. इस बीच एस्ट्राजेनेका के शेयर 1.8 प्रतिशत गिर गए. ब्राजील की सरकार की योजना है कि वो इस वैक्सीन को खरीद कर रियो दे जनेरो में एक बायोमेडिकल रिसर्च केंद्र फियोक्रूज में उसका उत्पादन करेगी.
इसके साथ साथ ही चीनी कंपनी सिनोवैक बायोटेक द्वारा बनाई जा रही एक और वैक्सीन का परीक्षण साओ पाउलो सरकार के रिसर्च केंद्र बुटांतां इंस्टीट्यूट में चल रहा है. लेकिन देश के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने बुधवार को कहा की केंद्र सरकार सिनोवैक वैक्सीन को नहीं खरीदेगी.
ब्राजील अमेरिका के बाद कोरोना वायरस महामारी से दूसरा सबसे बुरी तरह से प्रभावित देश है. ब्राजील में कोविड-19 से अभी तक 1,54,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं. संक्रमण के कुल मामलों में ब्राजील अमेरिका और भारत के बाद तीसरे नंबर पर है. वहां संक्रमण के 50 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं.