मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की जनता को कोविड को गंभीरता से लेने की नसीहत दी है। ठाकरे ने कहा कि जनता को ही तय करना होगा कि उन्हें कोरोना की रोकथाम के लिए नियमों का पालन करना है या फिर लॉकडाउन में रहना है। राज्य में 31 अक्टूबर तक लॉकडाउन लागू है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को फेसबुक लाइव से आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने के लिए लोगों की खुले दिल से भागीदारी की जरूरत है। कोविड-19 एक विदेशी मेहमान है, जो हमारे भरसक प्रयासों के बावजूद हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा। यह शहरों से ग्रामीण इलाकों में फैल रहा है। महाराष्ट्र में देश के सर्वाधिक 15 लाख से ज्यादा कोरोना केस हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 से 80 प्रतिशत कोविड-19 रोगियों में लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं। लिहाजा जब तक इसका टीका नहीं बन जाता, तब तक मास्क आत्मरक्षा करने वाली ब्लैक बेल्ट की तरह है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई या जुर्माना नहीं लगाने चाहते। महामारी से जंग तभी जीती जा सकती है, जब लोग खुले दिल से इसमें हिस्सा लें।
एक करोड़ से अधिक परिवारों की जांच
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र दुनिया का एकमात्र राज्य होगा, जहां सरकार लोगों को विश्वास में लेकर कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत 1 करोड़ 18 लाख 56 हजार परिवारों की जांच हो चुकी है।
मंदिरों को खोलने पर अभी कोई निर्णय नहीं
सीएम ठाकरे ने कहा कि विपक्ष और विभिन्न धार्मिक संगठन बार-बार मंदिरों को खोलने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि यह आपकी नहीं, बल्कि मेरी जिम्मेदारी है कि राज्य की जनता की कैसे सुरक्षा की जाए। हमारी मंशा सब खोलने की है, लेकिन राज्य की जनता का हमें चिंता है, इसलिए मंदिरों को खोलने का निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।