प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 69वें संस्करण के जरिये देश को संबोधित किया। इस दौरान एक बार फिर कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने लोगों से दो गज की दूरी के नियम का पालन करने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के काल में पूरी दुनिया परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है।
इस संकट ने परिवारों को जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी।
विद्वान और चिंतक भी थे वीर भगत सिंह
आज,28 सितंबर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनाएंगे। मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं।
शहीद भगतसिंह पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान भी थे और चिन्तक भी।अपने जीवन की चिंता किए भगतसिंह और उनकेक्रांतिवीर साथियों ने ऐसे साहसिक कार्यों को अंजाम दिया, जिनका देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा।
सब्जियों को कहीं पर भी बेचने की ताकत
आज, गांव के किसान खेती से ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं।
इन किसानों के अपने फल- सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।
किसानों को मिला फायदा
हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी, लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ
हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत का आधार
हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है
गांधी, शास्त्री और जेपी को किया याद
आने वाले महीने में हम कई महान विभूतियों की जयंती मनाएंगे। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती है। बापू के आर्थिक चिंतन में भारत की नस-नस की समझ थी। उनका जीवन यही बताता है कि हमारा कार्य ऐसा हो कि गरीब से गरीब व्यक्ति का भला हो। शास्त्री जी का जीवन विनम्रता और सादगी का संदेश देता है।
लोक कथाएं सुनाने की परंपरा
कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता। कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें। हमारे यहां तरह-तरह की लोककथाएं सुनाने की परंपरा रही है। कर्नाटक और केरल में कहानियां सुनाने की बहुत रोचक पद्धति है, इसे बिल्लू पाठ कहा जाता है ।