प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत (India) और श्रीलंका (Sri Lanka) के बीच द्विपक्षीय सांस्कृतिक जुड़ाव को प्रगाढ़ करने की दिशा में बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को 1.5 करोड़ डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की है । प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के अपने समकक्ष महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) के साथ डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर बैठक में यह घोषणा की ।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (हिंद महासागर क्षेत्र) अमित नारंग ने कहा कि दोनों नेताओं ने सहमति जतायी कि भारत और श्रीलंका के बीच प्राचीन सांस्कृतिक जुड़ाव बहुत खास हैं तथा इसे आगे और प्रगाढ़ करना चाहिए ।
वार्ता के दौरान राजपक्षे ने कहा कि खेल दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्कों को बढ़ावा देने में सेतु का काम कर सकता है और इस संबंध में विशेष रूप से क्रिकेट का जिक्र किया गया। नारंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सदियों पुराने सभ्यतागत जुड़ावों और सांस्कृतिक विरासत को बयां करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की। ”
उन्होंने कहा कि अनुदान से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुरातत्व मामलों में सहयोग, भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों और बौद्ध छात्रवृत्ति के जरिए लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। नारंग ने कहा कि बौद्ध मठों के निर्माण और पुनर्निर्माण तथा उससे जुड़े लोगों की सहायता करने में कोष का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
इस पर सहमति बनी है कि भारत पवित्र स्थल कुशीनगर से विमान सेवा शुरू होने पर बौद्ध श्रद्धालुओं के प्रतिनिधिमंडल के दौरे का इंतजाम करेगा। उत्तरप्रदेश में कुशीनगर हवाई अड्डा को हाल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के तौर पर मान्यता दी गयी है ।
नारंग ने कहा कि राजपक्षे ने भारत के सहयोग से निर्मित महत्वपूर्ण परियोजना जाफना सांस्कृतिक केंद्र का खास तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र पूरी तरह तैयार हो गया है और राजपक्षे ने इसका उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया।” मोदी-राजपक्षे की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर कहा गया कि श्रीलंका के नेता ने बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मोदी द्वारा 1.5 करोड़ डॉलर के अनुदान का स्वागत किया । (एजेंसी)