मुंबई के उपनगरीय रेल मार्ग पर अधिकतर ट्रेनों के लेट होने की दो मुख्य वजह हैं। एक ट्रेसपासिंग और दूसरी सबसे बड़ी वजह रेलवे के फाटक है। अक्सर मध्य रेलवे पर ट्रेनों की रफ्तार पर इन्हीं दो वजहों के कारण ब्रेक लगती है लेकिन आनेवाले समय में ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगने की गुंजाइश न के बराबर रहेगी। दरअसल मध्य रेलवे दिवा और विक्रोली फाटक की जगह पर रोड ओवर ब्रिज बनाने जा रही है। इसके लिए गत बजट में करोड़ों रुपए की राशि भी मंजूर की गई है। माना जा रहा है कि फाटक की जगह पर आरओबी का निर्माण हो जाने से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगेगा और मध्य रेलवे की ट्रेनें भी अपनी मस्ती में चलेंगी।
मध्य रेलवे पर लेवल क्रॉसिंग गेट के कारण पिछले दो सालों में ८,१६९ सेवाएं देरी से चलीं। इससे मध्य रेलवे के कुल ९३,६१५ मिनट बर्बाद हुए हैं। मध्य रेलवे पर दिवा, कलवा और आंबिवली में लेवल क्रॉसिंग गेट हैं। ट्रैफिक के समय एक बार गेट खुलने पर ट्रेन औसतन १५ मिनट लेट होती है।
बजट में ट्रेनों की समय बाध्यता पर विशेष ध्यान दिया गया है और ट्रेनों की लेट-लतीफी की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए बजट में रोड ओवर ब्रिज निर्माण करने के लिए करोड़ों रुपए की राशि भी आवंटित की गई है। बजट में दिवा रोड ओवर ब्रिज के लिए ७ करोड़ रुपए, विक्रोली रोड ओवर ब्रिज के लिए ३ करोड़ रुपए, दिवा-वसई रोड ओवर ब्रिज के लिए १३.३ करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई है।
रेलवे अधिकारी के अनुसार दिवा लेवल क्रॉसिंग गेट पर आरओबी का काम तीव्र गति से चल रहा है, इस वर्ष के अंत तक आरओबी का काम पूरा हो जाएगा। कलवा में खारीगांव आरओबी द्वारा लेवल क्रॉसिंग गेट बंद होना था लेकिन इसके पूर्वी छोर पर एक इमारत के कारण काम रुका हुआ था। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस समस्या को दूर कर लिया गया है, जल्द ही आरओबी निर्माण का काम शुरू होगा। इसी तरह से आंबिवली के भी आरओबी का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार के अनुसार सारे लेवल क्रॉसिंग गेट बंद हो जाने पर मध्य रेलवे की लोकल ट्रेन समय पर चलेगी।
वाहन बढ़ने से बढ़ी समस्या
पिछले कुछ सालों में मुंबई समेत उपनगर में वाहनों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इस वजह से पहले जो गेट २-३ मिनट तक खुलते थे, उन्हें अब ८-१० मिनट के लिए खुला रखना पड़ता है। एक अधिकारी ने बताया कि कई लेवल क्रॉसिंग गेट पर ट्रैफिक जाम हो जाता है और एक बार गेट खुलने के बाद लोग उसे काफी देर तक बंद नहीं होने देते हैं। इसकी वजह से पीक ऑवर्स में ट्रेनें लगभग रोजाना देरी से चलती हैं।