चीन (China) के लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने शनिवार को एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए आरोपी का नाम राजीव शर्मा है. चीनी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी देने के लिए आधिकारिक राज अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत गिरफ्तार किया गया. इसी के एक चीनी महिला और एक नेपाली नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया है.
मिली जानकरी के अनुसार पुलिस ने आरोपी के पास से भारतीय सेना के कई ख़ुफ़िया दस्तावेज़ प्राप्त किया है. वहीं पूछताछ में पत्रकार ने चीनी खुफिया एजेंसी के लिया जासूसी करने की बात काबुल ली है. गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को कोर्ट किया गया, जहां उसे छह दिन की रिमांड में भेज दिया है.
दो साथी भी गिरफ्तार राजीव शर्मा के साथ उसे पैसे पहुंचने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये लोगों में एक चीनी महिला और उसका एक नेपाली साथी है. स्पेशल सेल ने दोनों को शेल कंपनियों (Shell Companies) के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी चीन को भेजी
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल डीसीपी संजीव कुमार यादव ने कहा, “पत्रकार राजीव शर्मा 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों के लिए संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी पारित करने में शामिल थे. वह विभिन्न देशों में कई स्थानों पर उनसे मिलते थे.”
उन्होंने कहा, “उनकी 2 सहयोगी-एक चीनी महिला और नेपाली पुरुष, महिपालपुर में एक कंपनी है, जहाँ से वे चीन को दवाएँ निर्यात करते हैं. चीन से भेजा गया पैसा यहां एजेंटों को दिया जाता था. जांच के अनुसार, पिछले 1 साल में 40-45 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है.”
शर्मा ने ग्लोबल टाइम्स के लिए लेख लिखे
डीसीपी यादव ने कहा, “पत्रकार के रूप में राजीव शर्मा के पास लगभग 40 वर्ष का अनुभव है. भारत में कई समाचार फर्मों में एक पत्रकार के रूप में अपने अनुभव के अतिरिक्त, उन्होंने एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में चीनी मीडिया एजेंसी ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के लिए लेख लिखे हैं.”
जासूसी की बात कबुली
दिल्ली पुलिस के उपयुक्त ने कहा, “पत्रकार राजीव शर्मा ने गुप्त/संवेदनशील सूचनाओं की खरीद में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है और कुनेमिंग, चीन में अलग-अलग डिजिटल चैनलों के माध्यम से अपने चीनी हैंडलर्स जैसे माइकल एंड जॉर्ज, को यही संदेश दिया है.”
पउन्होंने कहा, “पत्रकार राजीव शर्मा ने आगे खुलासा किया कि वह इन बरामद गुप्त दस्तावेजों को अपने संचालकों को भेजने और उन्हें बताने वाले थे. अतीत में भी, उन्होंने अपने संचालकों को रिपोर्ट के रूप में कई दस्तावेज भेजे और उसी के लिए बहुत ज्यादा पारिश्रमिक प्राप्त किया.”