तुलसी और पुदीना पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली का एक अभिन्न अंग रहा है। तुलसी के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन डी, आयरन और फाइबर होते हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं और संक्रमण को कम करते हैं। वहीं आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना कफ और वात दोष को कम करता है और भूख बढ़ाता है। ऐसे में जब आप इन दोनों का खाली पेट पर सेवन करते हैं, तो यह शरीर को ढेर सारे लाभ पहुंचाते हैं।
पाचन को बढ़ावा देता है
तुलसी और पुदीने के पत्तों का जब नियमित रूप से सेवन किया जाता है, तो ये पाचन क्रिया में सुधार लाता है। यह एसिड रिफ्लक्स को संतुलित करता है और पेट में पीएच स्तर को संतुलित रखता है। वहीं पुदीने का रस शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और आपको अधिक तेज़ी से वजन कम करने में मदद कर सकता है। यह आपके शरीर के चयापचय को नियंत्रित करता है, वजन घटाने में सहायता करता है।
ब्लड शुगर को संतुलित करता है
तुलसी और पुदीने में कुछ ऐसे घटक होते हैं, जो कोशिकाओं के कामकाज के काम काज को बेहतर बनाते हैं। साथ ही ये ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है और शरीर में इंसुलिन के रिलीज को बेहतर बनाता है। वहीं तुलसी और पुदीना एक साथ मिल कर कार्बोहाइड्रेट और वसा को पचाने में मदद करते हैं, जिससे की पेट में गैस से जुड़ी परेशानियां नहीं होती हैं।
सर्दी को ठीक करता है
तुलसी अपने एंटी-माइक्रोबियल गुणों के लिए जाना जाता है। सुबह खाली पेट इसे खाना इंफेक्शन और सर्दी-जुकाम से आपको बचाए रख सकता है। वहीं ये दोनों इम्यूनिटी बूस्टर भी है क्योंकि तुलसी जहां एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है, तो वहीं पुदीना एंटी-बैक्टीरियल गुणों की भरमार है। इसलिए, यह आपके शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचा सकता है। यह हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है, स्वस्थ प्रतिरक्षा कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ाता है।
त्वचा में निखार लाता है
जब आप खाली पेट तुलसी और पुदीने का सेवन करते हैं, तो यह आपके खून से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और खून साफ करता है। यह मुंहासे और दाने को कम कर देता है, त्वचा को साफ बनाए रखता है। वहीं इनकी एंटीऑक्सिडेंट सामग्री आपकी त्वचा को भी युवा रखती है। तो इस तरह तुलसी और पुदीने का सेवन आपको स्वस्थ रख सकता है।