एक तरफ जहाँ भारत (India), चीन (China) के साथ अपनों मुश्किलों को ठीक करने की कोशिश में लगा है। वहीं भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मिलने के लिए मिन्नतें करने वाले चीन (China) ने आखिर फिर अपना असली रंग दिखा दिया है। चीन ने पहले तो बातचीत से मुद्दा सुलझाने का नाटक किया वहीं राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की बैठक के बाद इसका पूरा जिम्मा भारत पर ही डाल दिया। यही नहीं चीनी चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही (General Wei Fenghe) ने यह बयान भी दिया कि दोनो देशों और सेनाओं के बीच संबंध सीमा विवाद की वजह से प्रभावित हुए हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी भारत (India) पर ही जाती है। बता दें कि इन्ही फेंघे ने खुद राजनाथ से मिलने के लिए उनका समय भी मांगा था। दोनों ही नेता मॉस्को (Moscow) में SCO (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।
इस मुद्दे पर चीन के रक्षा मंत्रालय मे बयान जारी कर कहा कि सीमा पर भारत और चीन के बीच मौजूदा तनाव की वजह और सच की जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत की है। इसमें यह भी कहा गया कि, “चीन अपने क्षेत्र को किसी हाल में नहीं नहीं गंवा सकता है और चीन की सेना राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से दृढ़, आत्मविश्वासी और काबिल है। दोनों देशों को चेयरमैन जिनपिंग और PM मोदी की बनाई सहमति को लागू करना चाहिए और बातचीत से इस परेशानी को सुलझाने की कोशिश करना चाहिए।”
भारत पर ही डाल दी नैतिकता की सारी जिम्मेदारी
इसके साथ ही बयान में चीन ने यह उम्मीद भी की है कि भारत दोनों देशों में किए गए “समझौतों का पालन करेगा, अपने फ्रंटलाइन सैन्य बलों पर नियंत्रण मजबूत करेगा, LAC पर अपने तरफ के उकसावे से बचेगा, हालात गर्माने वाले खुद के ऐक्शन से बचेगा और जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने से भी बचने की कोशिश करेगा।” इसके साथ ही चीन ने यह भी कहा कि दोनों देशों को अब निश्चित रूप से भारत-चीन संबंधों और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और खुद की तरफ से आधा-आधा रास्ता तय करना चाहिए ताकि मौजूदा हालात जल्द से जल्द सामान्य हो सकें और सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता पुनःकायम हो। इसके साथ ही चीन ने यह उम्मीद भी जताई है कि दोनों देश जल्द ही फ्रंट लाइन बलों को हटा लेंगे और हालात को और जटिल होने से रोकने की कोशिश करेंगे। इस प्रकार से चीन ने एक बार फिर सेअपनी चालाकी और धूर्तता का परिचय देते हुए सारी जिम्मेदारी और दोष भारत के सर पर ही रख दिया है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही ( General Wei Fenghe) के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई थी जिसमें पूर्वी लद्दाख (Laddakh) में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा था।इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर (S।Jaishankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Dobhal) गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं।