नागपुर विभाग (Nagpur) में बाढ़ (Flood) के कारण हुए नुकसान के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने मदद (Help) की घोषणा की है। नागपुर विभाग में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान हुए लोगों को 16 करोड़ 50 लाख रूपये की मदद के लिए स्वीकृति दी गई है। इस वित्तपोषण में लोगों को घरेलू सामान, कच्चे-पक्के मकान और राहत छावनी शामिल है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी नागपूर विभागात निर्माण झालेल्या पूर परिस्थितीमुळे नुकसान झालेल्या व्यक्तींना १६ कोटी ५० लाख रुपयांची मदत वाटप करण्यास मान्यता दिली आहे. यामध्ये घरगुती सामान, कच्ची व पक्की घरे, मदत छावण्या यासाठीच्या अर्थसहाय्याचा समावेश आहे.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) September 4, 2020
ग़ौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से हुई बारिश के कारण पूर्व विदर्भ में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। साथ ही बांधों में ज्यादा पानी भर जाने के कारण बांध से पानी छोड़ा गया। इसलिए छोड़े गए पानी के कारण चंद्रपुर, गडचिरोली, भंडारा और गोंदिया में सभी नदी-नाले उफान आए। कई पुलों के ऊपर से पानी जाने के कारण मार्ग बंद हो गए। साथ ही कई गावों में पानी भर जाने के कारण रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है।
वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में भी हालात खराब हो गए थे। दरअसल, संजय सरोवर के दरवाजे खोले जाने के कारण गोंदिया जिले से बहनेवाली वैनगंगा और बाघ नदीं उफान पर हैं। नदियों के उफान पर होने के कारण गोंदिया, तिरोड़ा और भंडारा के अनेक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। साथ ही वैनगंगा नदी पर स्थित गोसीखुर्द बांध का पानी छोड़े जाने के कारण चंद्रपुर और गडचिरोली के कई गावों में पानी घुस गया।
इस बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हो गया है। कई हेक्टर की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई। कई लोगों के घरों में पानी घुसने के कारण उनका अनाज ख़राब हुआ, किसानों के पालतू जानवर भी बाढ़ में बह गए, कई लोगों के मकान गिर गए, लोग घरों से सड़क पर आए। उनकी उपजिका करने के साधन भी नष्ट हो गए। इसलिए लोगों के सामने निवास का प्रश्न उपस्थित हो गया है। अब मुख्यमंत्री ने की मदद की घोषणा से इन लोगों को राहत मिलेगी।