राज्य के पर्यावरण मंत्री और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के तमाम छात्रों की मजबूरियों के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में छात्रों की समस्याओं का जिक्र किया है और आगामी परीक्षाओं को टालने का निवेदन भी किया है। आदित्य ठाकरे इसके पहले भी छात्रों की परीक्षाओं को रद्द करने के लिए आवाज उठा चुके हैं।
आदित्य ठाकरे ने अपने पत्र में लिखा है कि जब महाराष्ट्र समेत पूरे देश में कोरोना महामारी का संकट बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में कई यूनिवर्सिटी यहां प्रोफेशनल और नॉन प्रोफेशनल परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी में जुटी हैं। मेरे हिसाब से यह ठीक नहीं है। अभी भी कई इलाकों में रेड जोन बने हुए हैं। अभी भी यातायात के साधनों की सुविधा पूरी तरह से देश में शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में परीक्षाओं का आयोजन छात्रों की मुसीबत को और भी बढ़ा सकता है। इसके अलावा कोरोना की वजह से उनकी जान को भी खतरा है।
आदित्य ने पत्र में इसका बात का भी जिक्र किया है कि जिन जगहों पर स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं। वहां पर कोरोना मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है। देश में ज्यादातर छात्र माता-पिता और दादा दादी के साथ रहते हैं। ऐसे में यह निर्णय और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। मौजूदा हालात में अगर एक पेपर भी होता है तो छात्र, टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ यह सभी लोग हाई रिस्क जोन में आएंगे।
आदित्य ठाकरे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। साथ ही आने वाले समय में देश में होने वाली सभी परीक्षाओं को चाहे वह प्रोफेशनल कोर्सेज की हो या नॉन प्रोफेशनल कोर्सेज की सभी को रद्द किया जाए। नॉन प्रोफेशनल कोर्सेज के छात्रों को उनके पुराने रिकॉर्ड के अनुसार नंबर देकर पास कर दिया जाना चाहिए। हमें इस बारे में भी विचार करना चाहिए की शैक्षणिक सत्र जून 2020 की जगह जनवरी 2021 से शुरू किया जाए। ताकि किसी छात्र का साल बर्बाद ना होने पाए।