बेलारूस में दसियों हजार लोग सड़कों पर उतरे हैं और एक हफ्ते पहले हुए चुनाव में लुकाशेंकों की जीत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. वे नए सिरे से चुनाव चाहते हैं. इन हालात में, चुनाव में लुकाशेंकों को चुनौती देने वाली तिखानोव्स्काया का कहना है कि वह देश का नेतृत्व करने को तैयार हैं. तिखानोव्स्काया इस वक्त पड़ोसी देश लिथुआनिया में हैं. वहां से जारी एक वीडियो में उन्होंने कहा है कि नए सिरे से चुनाव के लिए बेलारूस में एक कानूनी ढांचा बनना चाहिए. उन्होंने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए पहले ही एक "समन्वय परिषद" बना ली है.
तिखानोव्स्काया ने कहा, "मैं राजनीति में नहीं आना चाहती थी. लेकिन किस्मत की बात है कि आज मैं मनमाने शासन और अन्याय के खिलाफ मोर्चे में सबसे आगे हूं." उन्होंने कहा, "मैं जिम्मेदारी उठाने और इस अवधि में राष्ट्रीय नेता के तौर पर काम करने को तैयार हूं."
दूसरी तरफ, लुकाशेंको ने कहा है कि वह किसी भी कीमत पर नए सिरे से चुनाव नहीं होने देंगे. सरकारी समाचार एजेंसी बेल्ता ने 65 वर्षीय लुकाशेंको के हवाले से लिखा है कि वह सत्ता साझेदारी और चुनाव चुनाव में संशोधन के लिए तैयार हैं, लेकिन नए सिरे से चुनाव उन्हें मंजूर नहीं हैं. एक वेबसाइट Tut.by ने लुकाशेंकों के हवाले से कहा, "हमने चुनाव पहले ही करा दिए हैं, जब तक आप मेरी हत्या नहीं कर देते, तब तक नए सिरे से चुनाव नहीं होंगे."
बर्बरता के आरोप
अपने भाषण में स्वेतलाना तिखानोव्स्काया ने सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों से लुकाशेंकों सरकार के प्रति अपनी वफादारी छोड़ने को कहा है. तिखानोव्स्काया ने कहा है कि अगर वे ऐसा करते हैं, जो कुछ भी उन्होंने अतीत में किया है, उसके लिए उन्हें माफ कर दिया जाएगा. लुकाशेंकों के विरोधियों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग के खिलाफ सुरक्षा बलों पर मुकदमा करेंगे. बेलारूस में प्रदर्शनों के दौरान अब तक दो लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि लगभग 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है.
चुनाव के बाद से तिखानोव्स्काया लिथुआनिया में हैं
इस बीच, कई फोटो और वीडियो सामने आ रहे हैं जिनमें रिहा किए गए लोगों के शरीर पर चोटों और सभावित उत्पीड़न के निशान साफ दिखते हैं. लेकिन सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों पर अनुचित बल प्रयोग के आरोपों को खारिज करते हैं. बेलारूस में लुकाशेंको बीते 26 साल से सत्ता में है. हाल में वह लगातार छठी बार देश के राष्ट्रपति चुने गए. तभी से उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. बेलारूस के चुनाव आयोग के अनुसार लुकाशेंको को 80 प्रतिशत मत मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी तिखानोव्स्काया के खाते में दस प्रतिशत वोट आए. लेकिन विपक्ष का कहना है कि चुनाव में जमकर धांधली हुई है.
पोलैंड की चौकस निगाह
इस बीच, पोलैंड का कहना है कि वह अशांति के शिकार बेलारूस से लगने वाली अपनी सीमा पर नजरें बनाए हुए है. रक्षा उप मंत्री वोइसीयेच स्कुरकीविच ने सरकारी रेडियो से बातचीत में कहा, "नाटो के सभी सदस्य देशों की तरह हम भी बेलारूस में जो कुछ हो रहा है उस पर नजर बनाए हुए हैं, हम यह भी देखेंगे कि हमारी सीमाओं पर उसका क्या असर होगा. हम चुपचाप तमाशा नहीं देखेंगे."
उधर, नाटो ने लुकाशेंको के इन आरोपों को खारिज किया है कि बेलारूस के पश्चिमी बॉर्डर पर नाटो की तैनाती हो रही है. लेकिन नाटो ने यह जरूर कहा है कि वह बेलारूस के घटनाक्रम की लगातार निगरानी रख रहा है. शुक्रवार को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने बेलारूस की सरकार पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया.
एके/एमजे (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)