राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर पाकिस्तान ने एतराज जताया है. अब इसी को लेकर भारत ने सख्त लहजे में कहा है कि सीमा-पार आतंकवाद में संलिप्त एक देश का यह रुख आश्चर्यजनक नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने और साम्प्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए.'' बयान में कहा गया है कि इस तरह की टिप्पणियां बेहद अफसोसजनक है.
पाकिस्तान ने क्या कहा है?
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं.
विदेश कार्यालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है.
भारत पहले ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ अवांछित और अकारथ टिप्पणियों ’’ को खारिज कर चुका है. विदेश मंत्रालय ने कहा था,‘‘ भारत के उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत का पूरी तरह से अंदरूनी मामला है.’’