थाना बकेवर वर्तमान में सिर्फ लूट घसोट का अड्डा बन गया है ।यहां तैनात पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में इस कदर लिप्त है कि वो किसी भी घटना को मोड़ने में सिद्धहस्त है। यहां पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम रसूलपुर बकेवर निवासी विश्राम सागर पुत्र पंथादीन ने थाना बकेवर को 2 फरवरी को एक प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था कि उसकी क्रय की गई जमीन पर गांव के ही राजेंद्र कुमार पुत्र महावीर कोरी उसकी पत्नी राजकुमारी और मनोज कुमार पुत्र हीरालाल जबरन कब्जा करके जानवर बांध रहे हैं मना करने पर गाली गलौज करते हैं। शिकायतकर्ता के इस प्रार्थना पत्र को हेड कांस्टेबल प्रेमचंद्र सरोज व उपनिरीक्षक ने इस शिकायत को पूरी तरह से बदल कर शिकायतकर्ता को ही आरोपी बना दिया। रोजनामचा में 5 फरवरी को जो संक्षिप्त विवरण पुलिस द्वारा दिया गया है वह बिल्कुल शिकायतकर्ता के विपरीत है।
रोजनामचा के अनुसार हेड कांस्टेबल प्रेमचंद सरोज व संदीप कुमार रवाना सुधा नोटिस तमिला से वापस आने के बाद ग्राम रसूलपुर में प्रथम पक्ष विश्राम सागर की जगह श्री राम सागर जहां दर्ज किया है, वहीं आरोपी पक्ष राजेंद्र कुमार ओझा पुत्र स्वर्गीय महावीर कोरी मनोज पुत्र हीरालाल राजकुमारी पत्नी राजेंद्र ग्राम रसूलपुर के मध्य जमीन का विवाद है। प्रथम पक्ष के राजेंद्र ओझा की जमीन पर द्वितीय पक्ष के लोगों द्वारा जबरन कब्जा करना तथा जानवर बांधकर गाली गलौज करने को लेकर दोनों पक्षों में तनाव है जिससे कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि उनके रोजनामचे के अनुसार प्रथम पक्ष विश्राम सागर है जबकि रोजनामचा में राजेंद्र ओझा को दिखाया गया है और शिकायतकर्ता को उल्टे आरोपी की जमीन पर कब्जा करते हुए दिखाया गया है । इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि थाना बकेवर पुलिस सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर उगाही करके कार्यवाही करती है। शिकायतकर्ता विश्राम सागर ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी फतेहपुर से बकेवर थाना पुलिस द्वारा की गई विपरीत कार्यवाही की जांच कराए जाने की मांग की है।