भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के शिवसेना के साथ दोबारा आकर सरकार बनाने के लिए तैयार होने वाले बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्टीकरण दिया है। मंगलवार को विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में फड़नवीस ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा की ओर से शिवसेना को कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
शिवसेना की तरफ से भी भाजपा को कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, इसलिए भाजपा के सामने सरकार बनाने के लिए कोई चर्चा नहीं है। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि पार्टी प्रदेश के हित के लिए शिवसेना के साथ नई सरकार बनाने के लिए के लिए तैयार है, पर भाजपा आगामी चुनाव अपने दम पर ही लड़ेगी।
आरक्षण सुनवाई को गंभीरता से लिया जाए
फड़नवीस ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जारी सुनवाई के दौरान सरकारी अधिकारियों की तरफ से उचित सहयोग नहीं मिलने की बात सरकार के वकील ने कोर्ट में कही है। ऐसा काम नहीं किया जाए। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिखा है।
सीएम को लिखे पत्र में फड़नवीस ने लिखा कि उन्होंने मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को सुनवाई के बाद अदालत द्वारा दर्ज टिप्पणियों को पढ़ा। राज्य सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार के अधिकारी इस मामले में कुशलता से सहायता करने में विफल रहे हैं। फड़नवीस ने पत्र में लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं, पूरे राज्य में मराठा आरक्षण के लिए एक बड़ा आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के बाद तत्कालीन सरकार ने आरक्षण को कानून के दायरे में देने की पहल की।
इसके साथ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है। उच्च न्यायालय ने भी मान्य फैसला सुनाया, लेकिन अब पिछले 7 महीने और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अस्तित्व में नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से कोई उचित सहयोग नहीं है। ये मामले गंभीर हैं और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।