मुंबई और पुणे में सैकड़ों लोगों ने दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार शाम छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमलों की सोमवार को निंदा करते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। गेटवे ऑफ इंडिया, पवई स्थित आईआईटी-बंबई परिसर के पास आधी रात को ही बिना किसी पूर्व योजना के प्रदर्शन शुरू हो गए। वहीं पुणे में एफटीआईआई परिसर में प्रदर्शन किए गए। लोग तिरंगा, मोमबत्ती, जेएनयू छात्रों के समर्थन में हाथ से लिखे बैनर और पोस्टर लिए हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के कई नेताओं ने सोमवार को यहां जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर हमले की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने इसे सुनियोजित हमला बताते हुए कहा कि छात्रों और शिक्षकों पर कायराना हमला किया गया। पवार ने कहा, मैं इस अलोकतांत्रिक तरीके की तोडफ़ोड़ और हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं।
लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारों को दबाने के लिए हिंसा का उपयोग कभी सफल नहीं होगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात ने जेएनयू में एबीवीपी के गुंडों द्वारा की गई बर्बरता की कड़ी निंदा की। थोरात ने कहा, यह सरासर गुंडागर्दी है। वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं। मैं मांग करता हूं कि हमलावरों को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।