युद्ध कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 67वीं बार 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने करगिल युद्ध के 21 साल पूरे होने पर इस जंग में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा- वो दिन सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने वीरों को नमन कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों की तरफ से उन वीर माताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने ऐसे वीरों को जन्म दिया।

बिना कारण दुश्मनी करना दुष्ट का स्वभाव
26 जुलाई का दिन बहुत ही खास है। 21 साल पहले करगिल के युद्ध में हमारी सेना ने जीत का झंडा फहराया था। जिन परिस्थितियों में युद्ध हुआ, वह भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने का दुस्साहस किया था। भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था। लेकिन कहा गया है- बयरू अकारण सब काहू सों। जो कर हित अनहित ताहू सों। यानी दुष्ट का स्वभाव ही होता है, बिना किसी वजह दुश्मनी करना। ऐसे स्वभाव के लोग हित करने वाले का भी नुकसान सोचते हैं। कारगिल विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह युद्ध किन परिस्थितियों में हुआ था वह भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रही आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था जबकि भारत, पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था।उन्होंने कहा, ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं। इसीलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी। मोदी ने कहा कि लेकिन उसके बाद भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया, जो ताकत दिखाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊंचे पहाड़ों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेनाएं, हमारे जवान। लेकिन जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं, भारत की सेनाओं की, उनके हौसले और सच्ची वीरता की हुई।

सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट से देश का मनोबल गिरता है
करगिल युद्ध के समय वाजपेयी जी ने लाल किले से गांधीजी के मंत्र की याद दिलाई थी- अगर किसी को दुविधा हो कि तुम्हें क्या करना है तो उसे भारत के असहाय गरीब व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए। हम जो सोचते-करते हैं, उससे सीमा पर डटे सैनिक के मन पर गहरा असर पड़ता है। कभी-कभी हम सोशल मीडिया पर ऐसी चीजें फॉरवर्ड करते हैं, जिससे देश का मनोबल गिरता है। मोदी ने कहा कि युद्ध की परिस्थिति में, हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर, उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए और इसीलिए हमारा आचार, हमारा व्यवहार, हमारी वाणी, हमारे बयान, हमारी मर्यादा, हमारे लक्ष्य, सभी में, कसौटी में ये जरूर रहना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं, कह रहे हैं, उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े, उनका सम्मान बढ़े।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि का मंत्र लेकर, एकता के सूत्र में बंधे देशवासी, हमारे सैनिकों की ताक़त को कई हज़ार गुणा बढ़ा देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं। उन्होंने कहा, कभी-कभी जिज्ञासावश संदेश आगे बढ़ाते रहते हैं । पता है गलत है, फिर भी यह करते रहते हैं। आजकल, युद्ध, केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते हैं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है और हर एक देशवासी को उसमें अपनी भूमिका तय करनी होती है। हमें भी अपनी भूमिका, देश की सीमा पर, दुर्गम परिस्तिथियों में लड़ रहे सैनिकों को याद करते हुए तय करनी होगी। प्रधानमंत्री ने यह बात ऐसे समय की है जब लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है।

प्रकाशित तारीख : 2020-07-27 20:09:36

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