मुंबई में कोरोना संक्रमितों की कम जांच होने के कारण मरीजों की मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। साथ ही संक्रमितों की संख्या दर चिंताजनक है। शनिवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मुंबई में टेस्टिंग बढ़ाने की मांग की।
पूर्व सीएम ने कहा कि संक्रमितों की जांच बढ़ाने की मांग के बावजूद मुंबई में 23 जुलाई तक 4 लाख 62 हजार 221 लोगों की जांच की गई, जबकि 23 जुलाई तक पुणे में 3 लाख 54 हजार 729 लोगों की जांच हुई। फड़नवीस ने कहा कि 17 से 23 जुलाई तक मुंबई में 41 हजार 376, जबकि पुणे में 85 हजार 139 लोगों की जांच हुई। इससे यह स्पष्ट होता है कि मुंबई की तुलना में पुणे में दोगुनी जांच की जा रही है, जबकि पुणे की तुलना में मुंबई की आबादी कई गुना अधिक है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक से 23 जुलाई के बीच मुंबई में 1 लाख 28 हजार 969 लोगों की जांच की गई। इसका औसत 5607 आता है। कोरोना जांच को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई में कम जांच करने का मतलब मुंबईकरों के जीवन से खिलवाड़ करने जैसा है। इसका सीधा प्रभाव मृत्यु दर पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पुणे में मृत्यु दर 2.39 प्रतिशत है, जबकि मुंबई में 5.60 प्रतिशत है। महाराष्ट्र की मृत्यु दर 3.68 प्रतिशत है और इसका एकमात्र कारण मुंबई में मृत्यु दर पर नियंत्रण नहीं है।