एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि इस वर्ष मॉनसून के कम-दबाव तंत्र के घटने का अनुमान है जिससे उत्तर-मध्य भारत में बारिश में उल्लेखनीय कमी आ सकती है। अमेरिका की एक अनुसंधान एजेंसी के अध्ययन में यह बात सामने आई है। राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) का यह अध्ययन शुक्रवार को प्रकाशित हुआ है।
इसमें दक्षिण एशियाई मॉनसून क्षेत्र में ‘मॉनसून कम दबाव तंत्र’ (एमएलपीएस) के उल्लेखनीय हद तक घटने का अनुमान व्यक्त किया गया है। एनओएए ने कहा कि एमएलपीएस भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा का एक कारक है और इससमें किसी भी तरह का बदलाव फिर चाहे वह प्राकृतिक हो अथवा मानव निर्मित, इसके दूरगामी सामाजिक आर्थिक प्रभाव होते हैं। अध्ययन में उत्तर-मध्य भारत में बारिश में कमी का अनुमान व्यक्त किया गया है।