इस वर्ष कोरोना संकट को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने आखिरकार वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। जम्मू-कश्मीर में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए इस साल की अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है।
कोविड-19 के संकट के कारण इस वर्ष अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि यात्रा 21 जुलाई से शुरू होगी और 3 अगस्त तक चलेगी। हालांकि, अब यह निर्णय वापस लिया गया है।
अमरनाथजी श्राइन बोर्ड जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में समुद्र तल से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा तीर्थ यात्रा के मामलों का प्रबंधन करता है।
पुरानी योजना के अनुसार, यह तय किया गया था कि यात्रा केवल एक मार्ग से होगी और सभी तीर्थयात्रियों को COVID-19 के परीक्षण से गुजरना होगा। साथ ही यह भी कहा गया कि, मंदिर के अधिकारी देश भर के भक्तों के लिए टेलीविजन पर पूजा का प्रसारण करेंगे।
पिछले हफ्ते, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमरनाथ की पवित्र गुफा का दौरा किया और प्रार्थना की थी। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाना भी थे। उस समय उन्होंने मंदिर परिसर में करीब एक घंटा बिताया था।
अमरनाथ गुफा को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। यह कश्मीर में समुद्र तल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि, यहीं पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। इस पवित्र गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग तैयार होता है। इसे स्वयंभू हिम शिवलिंग भी कहा जाता है। अमरनाथ यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा पर शुरू होती है और रक्षाबंधन तक यानि पुरे श्रावण महीने में लाखों लोग इस पवित्र शिवलिंग का दर्शन करने आते है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में भक्त इसे पहाड़ी इलाकों को चुनौती देते हुए यह यात्रा पूरी करते है।