एक तरफ जहाँ बिहार कोरोना से लड़ रहा है वहीं दुसरे तरफ बाढ़ का कहर भी पुरे उफान पर है। लेकिन इन सबके मध्य गोपालगंज का एक पुल है जो नीतीश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है। जिसका आज बाढ़ के पानी की वजह से एक हिस्सा ढह गया है।
दरअसल विगत 16 जून को CM नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उक्त पुल का उद्घाटन किया था। एक महीने पहले ही उद्घाटन हुए यह पुल पानी के ज्यादा दबाव के कारण टूट गया है। जिसके चलते अब लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है। आपको बता दें कि यह पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था।
263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है। pic.twitter.com/EIcQYPEHn8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 16, 2020
अब इसकी खबर बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव को दी है। इस सेतु का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। साल 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद पिछले 16 जून 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया था। बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है।
अब इस मुद्दे पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नितीश यादव को घेरा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि “8 वर्ष में 263। 47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था। 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं। चाहे जो भी हो फिलहाल इस टूटे हुए नवनिर्मित पुल ने नितीश सरकार के सुशासन की पोल तो खोल ही दी है।