भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर सुर्खियों में आए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी की अंदरुनी कलह खुल कर सामने आ गई है। उन्हें अब पार्टी के भीतर से ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' खुलकर केपी ओली के विरोध में आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि बुधवार को पार्टी की बैठक में केपी शर्मा ओली को खरी खोटी सुनाई गई।
हिमालयन टाइम्स के मुताबिक, प्रचंड ने सबसे सामने ही ओली से ये तक कह दिया कि उनके बारे में दुष्प्रचार करने ने ओली का कद पार्टी में बड़ा नहीं हो जाएगा। हालांकि ओली ने भी नया नक्शा जारी कर भारतीय हिस्सों को अपने यहां दिखाने को एक ऐतिहासिक कदम बताया है। दरअसल, ओली पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने पार्टी और सरकार को हाइजैक कर लिया है और इसे अपने मन मुताबिक चला रहे हैं. बुधवार को सदन के अंदर ओली और प्रचंड के बीच जमकर बहस हुई।
बैठक की शुरुआत में ओली ने पार्टी के सदस्यों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं और देश में समाजवाद स्थापित करने की कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने प्रचंड से कहा कि मुझे परेशान करके अगर आपको यह नहीं महसूस करना चाहिए कि पार्टी में आपका कद बढ़ गया है। भारत के करीबी रहे पूर्व पीएम प्रचंड ने ओली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार को उसके खराब प्रदर्शन के लिए जमकर खरी-खोटी सुनाई है।
उन्होंने कहा कि केपी शर्मा ओली देश हो रहे सारे अच्छे कार्यों का क्रेडिट खुद लेना चाहते हैं जो पार्टी के लिए ठीक बात नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केपी ओली इश बैठक को पिछले दो माह से टाल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर अदल-बदलकर पावर शेयरिंग के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।