योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि ने कोविड/ कोरोना के इलाज के लिए दवा कोरोनिल बनाई है. लेकिन आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को आयुर्वेदिक दवाई कोरोनिल के किसी भी प्रचार को रोकने का आदेश दिया है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की दवा पर स्टेटमेंट जारी कर कहा कि मंत्रालय को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पहले अपने कागज हमें जमा कराएं और तब तक किसी भी तरह का विज्ञापन या दावा करने से बचें, जब तक तमाम जांच पूरी नहीं होती।
आयुष मंत्रालय ने राज्य सरकार, उत्तराखंड से भी दवाई कोरोनिल को लेकर जरूरी जानकारी मांगी है. मंत्रालय ने राज्य लाइसेंसिंग ऑथोरिटी को लाइसेंस कॉपी और प्रोडक्ट को मंजूर किए जाने से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट मांगे हैं। मंत्रालय ने 21 अप्रैल को जारी गैजेट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं की रिसर्च को लेकर बाकायदा नियम कानून जारी किए गए थे उसी के तहत कोरोना वायरस पर रिसर्च की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से दवाओं के नाम और उसके कंपोजीशन की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही स्टडी की विस्तृत जानकारी और सैंपल साइज की जानकारी भी मांगी गई है यानी कितने लोगों पर स्टडी की गई, इसका ब्यौरा मांगा गया है और उत्तराखंड ड्रग डिपार्टमेंट से अप्रूवल के कागज मांगे गए हैं।